पटना: बिहार विधानसभा का बजट सत्र हंगामा के बीच जारी है। बढ़ते हंगामे को देखते हुए गुरुवार को मार्शलों को बुलाया गया और उन्होंने हंगामा कर रहे सीपीआई और सीपीएमएल विधायकों को सदन से बाहर हाथ-पैर पकड़कर बाहर निकाल दिया। हंगामा कर रहे विधायक सदन के बाहर भी नारेबाजी करने लगे। इस दौरान विधायकों ने तानाशाही मुर्दाबाद के नारे लगाए।
दरअसल, हंगामा कर रहे वाम विधायक राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर बिहार विधानसभा में चर्चा करना चाहते थे। सीपीआई विधायक बीरेंद्र गुप्ता ने कहा "हम लोग राज्य में बिगड़ते कानून व्यवस्था पर बिहार विधान सभा में बहस चाहते थे लेकिन सरकार बहस पर तैयार नहीं थी इसलिए हमको मार्शल से कहकर सदन से बाहर करवा दिया गया। भाजपा-जदयू की सरकार तमाम कोशिशें कर रही हैं कि हिंदू-मुस्लिम राजनीति से यह सारे मुद्दे ढक जाएं।"
सीपीआई विधायक ने कहा कि राज्य में हत्याओं और महिलाओं पर अत्याचार का सिलसिला लगातार जारी है। हिंदू-मुस्लिम का बंटवारा कर तनाव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। वहीं सदन से बाहर कर दिए जाने के बाद वाम दलों के विधायक बाहर ही धरने पर बैठ गए।
इस दौरान विधायक सुदामा प्रसाद की तबीयत बिगड़ गई और वह परिसर में जमीन पर ही लेट गए। इसके बाद तत्काल विधानसभा में तैनात डॉक्टरों को बुलाया गया और विधायक को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने उनके ब्लड प्रेशर की जांच की। उन्हें थोड़ी घबराहट महसूस हो रही थी।
बता दें कि बुधवार को भी बिहार विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था। इस दौरान AIMIM के विधायक को सदन से बाहर निकाल दिया गया था। इसके बाद वे धरने पर बैठ गए। एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल इमान कार्य स्थगन प्रस्ताव की मांग कर रहे थे।