यूपी में रोजमर्रा के सामानों की कीमत पर नहीं दिख रहा जीएसटी घटने का असर, 18,000 से अधिक लोगों ने यह शिकायत की
By राजेंद्र कुमार | Updated: September 28, 2025 19:09 IST2025-09-28T19:08:54+5:302025-09-28T19:09:53+5:30
राज्य के व्यापार कर विभाग के अनुसार गत 22 सितंबर से 26 सितंबर के बीच राज्य में 18,000 से अधिक लोगों ने यह शिकायत की है कि उन्हें रोजमर्रा के तमाम सामान पुराने मूल्य पर ही मिल रहे हैं.

यूपी में रोजमर्रा के सामानों की कीमत पर नहीं दिख रहा जीएसटी घटने का असर, 18,000 से अधिक लोगों ने यह शिकायत की
लखनऊ: देश और प्रदेश में 22 सितंबर से सैकड़ों रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी की दरें कम हो गई. मोदी सरकार के इस एक फैसले से कार, मोटर साइकिल, साइकिल, टीवी, फ्रिज, एसी से लेकर साबुन, शैंपू, टूथ पेस्ट, चाय पत्ती, बिस्कुट जैसे सैकड़ों उत्पाद सस्ते हो गए. जनता को इन उत्पादों पर कम हुई जीएसटी का लाभ मिल रहा है या नहीं? इसके देखने और जनता को जागरूक करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रियों और अफसरों बाज़ारों में भेजा. खुद मुख्यमंत्री योगी गोरखपुर और लखनऊ के दो प्रमुख बाज़ारों में गए और दुकानदारों से मिल.
उन्होंने दुकानदारों से कहा कि जीएसटी की दरों में कमी होने का लाभ जनता को दीजिए. लेकिन सीएम योगी के इस आग्रह के बाद भी यूपी में कार, स्कूटर, मोटर साइकिल, स्कूटी, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन यानी इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो मोबाइल सेक्टर को छोड़कर दूसरे ज्यादातर उत्पादों पर अभी तक इस राहत का कोई असर नहीं दिख रहा है. दुकानदार पुराने दामों पर ही साबुन, शैंपू, टूथ पेस्ट, चाय पत्ती, बिस्कुट जैसे सैकड़ों सामान बेच रहे हैं. आमजन को जीएसटी में छूट का अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस कारण लोग शिकायत कर रहे हैं.
लोग कर रहे शिकायत, सरकार का प्रबंध फेल :
राज्य के व्यापार कर विभाग के अनुसार गत 22 सितंबर से 26 सितंबर के बीच राज्य में 18,000 से अधिक लोगों ने यह शिकायत की है कि उन्हें रोजमर्रा के तमाम सामान पुराने मूल्य पर ही मिल रहे हैं. ऐसी शिकायतें लखनऊ, नोएडा, गोरखपुर, कानपुर, बरेली, मेरठ, अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी सहित सभी बड़े शहरों से मिली. यह हाल भी तब है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जीएसटी सुधार के फायदे बताने के लिए अपने सभी मंत्रियों के साथ ही 2500 अफसरों को बाजार में उतार दिया था.
इस सभी लोगों को हर दिन बाज़ारों में घूमकर जनता को जीएसटी छूट के तहत सस्ते हुए उत्पादों के बारे में बताना था और यह देखना था कि जनता को जीएसटी छूट का लाभ मिल रहा है या नहीं. लेकिन अब तक मिली रिपोर्ट के अनुसार, सूबे में इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर के उत्पादों पर ही जनता को जीएसटी छूट का लाभ मिल रहा है. जबकि साबुन, तेल, शैंपू, टूथ पेस्ट, चाय पत्ती, बिस्कुट, ब्रेड आदि दुकानदार पुराने दामों पर ही बेच रहे हैं.
लोगों के इन रोजमर्रा इस्तेमाल की चीजों पर अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है. यह रोजमर्रा इस्तेमाल की यह चीजें भी लोगों को सस्ते में मिले, इसके लिए योगी सरकार के किए गए प्रयास अब तक प्रभावी नहीं साबित हुए हैं. जबकि योगी सरकार ने जीएसटी राहत उपभोक्ता तक पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए थे.
इसके लिए सूबे में उपभोक्ता हेल्प लाइन 1915 और व्हाट्सएप नंबर 8800001915 शुरू किया गया था. दुकानदारों को निर्देश दिए गए कि पुराने स्टॉक पर नई कीमत की चिप्पी लगाएं. लेकिन इन प्रयासों का असर सीमित रहा. उपभोक्ता अभी भी शिकायत कर रहे हैं कि बाजार में दाम वही हैं.
इसलिए नहीं मिल पा रही रियायत
ऐसा क्यों हो रहा है? इस बारे में जीएसटी के जानकार कहते हैं कि राज्य में जीएसटी घटी है लेकिन एमआरपी नहीं. इस नाते छोटे दुकानदार लोगों को पुराने मूल्य पर ही रोजमर्रा इस्तेमाल वाली चीजें बेच रहे हैं. क्योंकि बड़ी कंपनियां एमआरपी में उत्पादन लागत, परिवहन, पैकेजिंग और टैक्स सब शामिल करती हैं. जब टैक्स घटता है तो एमआरपी भी घटनी चाहिए. लेकिन कंपनियां और रिटेलर इसका फायदा खुद रख लेते हैं.
इस नाते साबुन, शैंपू, टूथ पेस्ट, चाय पत्ती, बिस्कुट जैसे सैकड़ों उत्पाद पुराने दाम पर ही लोगों को मिल रहे हैं. और जब इसे लेकर दुकानदार से सवाल किया जा रहा है तो वह कहता है कि जब नया स्टॉक आएगा तभी दाम घटेंगे. इसके चलते लोग राज्य कर विभाग में यह शिकायत कर रहे हैं कि बाजार में दाम वही हैं. जबकि जीएसटी में छूट देने का दावा सरकार के स्तर से किया जा रहा है.