लाइव न्यूज़ :

Nizamuddin Markaz Case: 13 से 24 मार्च के बीच मरकज में आए थे 16 हजार से अधिक लोग, मौलाना साद की बढ़ीं मुश्किलें

By गुणातीत ओझा | Updated: May 3, 2020 07:58 IST

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार निजामुद्दीन मरकज का एक और सच सामने आया है। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक 13 से 24 मार्च के बीच निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय में कम से कम 16,500 लोग गए थे।

Open in App
ठळक मुद्देदिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक 13 से 24 मार्च के बीच निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय में कम से कम 16,500 लोग गए थे।पुलिस अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि सेल फोन डेटा के उपयोग के आधार पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर और मरकज में लोगों की मौजूदगी के आधार पर इस संख्या का आंकलन किया गया है।

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार निजामुद्दीन मरकज का एक और सच सामने आया है। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक 13 से 24 मार्च के बीच निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मुख्यालय में कम से कम 16,500 लोग गए थे। जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि सेल फोन डेटा के उपयोग के आधार पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर और मरकज में लोगों की मौजूदगी के आधार पर इस संख्या का आंकलन किया गया है। तबलीगी जमात के छह मंजिला मुख्यालय में आने वालों की संख्या को लेकर तैयार की गई यह रिपोर्ट पुलिस ने केंद्र और राज्य सरकारों को सौंपी है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि पिछले चार हफ्तों में पुलिस ने कॉल डिटेल्स और सभी 16,500 लोगों की लोकेशन की जांच की है। जांच में सामने आया है कि मरकज में आने वाले जमाती यहां से निकलने के बाद 15,000 लोगों के संपर्क में आए थे। जबकि कुछ मरकज में ही रुके थे। अन्य लोग दिल्ली के विभिन्न स्थानों को छोड़कर चले गए। जमात में शामिल हुए लोगों से मिलने वाले इन 15,000 लोगों से फोन पर संपर्क किया गया और उनसे जानकारी जुटाई गई है।

इस जांच रिपोर्ट को तैयार करने में पुलिस बल की सभी इकाइयां लगी थीं। ट्रैफ़िक पुलिस उन लोगों का विश्लेषण करने में लगी हुई थी, जो इन 16,500 के संपर्क में आए थे। एक अन्य टीम ने दूसरे समूह के सभी संवेदनशील लोगों से संपर्क किया। सशस्त्र पुलिस, सुरक्षा इकाई ने भी इस अभ्यास में अपना योगदान दिया है। जांच पूरी होने के बाद पुलिस टीम ने स्वास्थ्य विभाग को संदिग्ध मरीजों के बारे में सूचित किया और इन लोगों को आइसोलेशन, क्वारंटाइन या अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी।

बता दें कि पुलिस द्वारा जांच के दौरान जुटाए गए इस डेटा को तबलीगी जमात के नेता मौलाना साद के खिलाफ सबूत के रूप में भी इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार निजामुद्दीन मरकज को कम से कम 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले संक्रमण से लिंक किया गया है।

टॅग्स :तबलीगी जमातनिज़ामुद्दिनकोरोना वायरसदिल्ली में कोरोना
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यCOVID-19 infection: रक्त वाहिकाओं 5 साल तक बूढ़ी हो सकती हैं?, रिसर्च में खुलासा, 16 देशों के 2400 लोगों पर अध्ययन

भारत'बादल बम' के बाद अब 'वाटर बम': लेह में बादल फटने से लेकर कोविड वायरस तक चीन पर शंका, अब ब्रह्मपुत्र पर बांध क्या नया हथियार?

स्वास्थ्यसीएम सिद्धरमैया बोले-हृदयाघात से मौतें कोविड टीकाकरण, कर्नाटक विशेषज्ञ पैनल ने कहा-कोई संबंध नहीं, बकवास बात

स्वास्थ्यमहाराष्ट्र में कोरोना वायरस के 12 मामले, 24 घंटों में वायरस से संक्रमित 1 व्यक्ति की मौत

स्वास्थ्यअफवाह मत फैलाओ, हार्ट अटैक और कोविड टीके में कोई संबंध नहीं?, एम्स-दिल्ली अध्ययन में दावा, जानें डॉक्टरों की राय

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई