हमारे धनुष-बाण की चोरी हो गई है, हम उसकी जांच करेंगे, EC के फैसले पर संजय राउत बोले
By रुस्तम राणा | Published: February 18, 2023 07:32 PM2023-02-18T19:32:45+5:302023-02-18T19:49:32+5:30
शिवसेना और इसके चुनाव निशान धनुष-बाण पर शिंदे गुट को देने पर उद्धव ठाकरे गुट निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगा रहा है। संजय राउत ने कहा कि हम दूसरे चुनाव चिह्न पर विचार कर रहे हैं।
मुंबई: चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारा जो धनुष-बाण (चुनाव चिन्ह) है, उसकी चोरी हो गई है। इस चोरी में कौन-कौन शामिल है, हम उसकी जांच करेंगे और उन चोरों के बारे में जनता को जागरूक भी करेंगे। दूसरे चुनाव चिन्ह पर हमारी पार्टी में चर्चा हो रही है।
उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों से कहा कि वे पार्टी का चिह्न ‘धनुष-बाण’ चुराने वाले ‘‘चोर’’ को सबक सिखाएं। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ने उपनगर बांद्रा स्थित अपने आवास ‘मातोश्री’ के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें चुनावों के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। राज्य विधानसभा चुनाव अक्टूबर 2024 में होने हैं।
उद्धव के दिवंगत पिता बाल ठाकरे द्वारा 1966 में स्थापित पार्टी के नियंत्रण से उन्हें (उद्धव को) वंचित करने का चुनाव आयोग का फैसला ऐसे समय में आया है, जब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और अन्य नगर निकायों के चुनाव होने हैं।
हमारा जो धनुष-बाण(चुनाव चिन्ह) है, उसकी चोरी हो गई है। इस चोरी में कौन-कौन शामिल है, हम उसकी जांच करेंगे और उन चोरों के बारे में जनता को जागरूक भी करेंगे। दूसरे चुनाव चिन्ह पर हमारी पार्टी में चर्चा हो रही है: चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत, महाराष्ट्रpic.twitter.com/8yKZkf5fuZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2023
मुंबई में नगर निकाय चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बीएमसी दो दशकों से अधिक समय से शिवसेना का गढ़ रहा है। उद्धव ने अपने समर्थकों से कहा, ‘‘मेरा मनोबल गिरा नहीं है और मैं आपके समर्थन पर निर्भर हूं। आप मेरी शक्ति हैं।’’
उद्धव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानना चाहिए कि वे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करने के बावजूद शिवसेना को कभी खत्म नहीं कर पाएंगे। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘क्या आप डर गये हैं? आपको देने के लिए मेरे पास अभी कुछ नहीं है।’’
इस पर, उनके समर्थकों ने जोरदार आवाज में कहा कि वे डरे नहीं हैं और उनसे अगले कदम के लिए निर्देश देने का आग्रह किया। एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कई विधायकों द्वारा उनके (उद्धव के) खिलाफ बगावत करने के बाद उद्धव ने पिछले साल जून में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उद्धव ने कहा, ‘‘हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जबतक कि चुनावों में चोर को सबक नहीं सिखा देते हैं। फौरन चुनावों की तैयारी शुरू करें।’’ उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि शनिवार को है और छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती रविवार को है तथा शिवसेना का नाम और चिह्न लूटने के लिए इस समय को चुना गया।
उद्धव ने कहा, ‘‘चोर ने मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर फेंका है। लेकिन उन्हें मधुमक्खी के डंक का अनुभव नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे ‘‘चुराये गये धनुष-बाण’’ को नहीं ले जा सकेंगे और वह पौराणिक महाकाव्य रामायण के पात्र रावण की तरह गिर जाएंगे, जो भगवान शिव का धनुष नहीं उठा पाया था।
उन्होंने कहा कि पहले कभी भी इस तरह के विवाद में चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चिह्न एक गुट को नहीं दिया था तथा इस तरह की स्थिति में उसे अपने पास जब्त रखा था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लेकिन प्रधानमंत्री के गुलामों ने अब ऐसा किया है।’’
उद्धव ने दावा किया कि मौजूदा चुनाव आयुक्त सेवानिवृत्ति के बाद किसी राज्य के राज्यपाल नियुक्त किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोग फैसला करेंगे कि शिवसेना किसकी है।’’
उद्धव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को महाराष्ट्र आने के लिए बालासाहेब ठाकरे का मुखौटा पहनने की जरूरत होती है। उन्होंने शिंदे की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘चोर...ठाकरे का नाम, बालासाहेब का फोटो चाहते हैं, लेकिन शिवसेना परिवार को नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोग मुखौटा पहनने वालों और असली लोगों के बीच के अंतर को समझते हैं।’’ बाद में, उद्धव ने पार्टी के नेताओं की एक बैठक की अध्यक्षता की। विधान परिषद सदस्य सचिन अहीर ने संवाददाताओं को बताया कि उद्धव ने उनसे हर जिले का दौरा करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने को कहा है।
इस बीच, पुणे में उद्धव और शिंदे नीत खेमों के कार्यकर्ताओं ने शहर के नवी पेठ इलाके में एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। एक मराठी समाचार चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दोनों खेमों के कार्यकर्ता पहुंचे थे। पुलिस के मौके पर पहुंचने और स्थिति को नियंत्रित करने तक तनाव बना रहा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)