केवल इन 2 कारणों से कांग्रेस को मिली है हिमाचल में भारी जीत, भाजपा के 8 लाख नौकरियों का वादा भी नहीं चला पाया कोई जादू

By भाषा | Published: December 8, 2022 09:59 PM2022-12-08T21:59:33+5:302022-12-08T22:19:29+5:30

आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश का पिछले चार दशकों से हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है। भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए थे। ऐसे में पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया था।

only these two reason for congress win in himachal pradesh election 2023 bjp jobs promise failed pm modi | केवल इन 2 कारणों से कांग्रेस को मिली है हिमाचल में भारी जीत, भाजपा के 8 लाख नौकरियों का वादा भी नहीं चला पाया कोई जादू

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlights हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को मिले भारी जीत के पीछे दो कारण बताए जा रहा है। दावा यह है कि ओपीएस की बहाली का वादा और सत्ता विरोधी माहौल के कारण पार्टी जीत हासिल की है। यही नहीं भाजपा को समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में 8 लाख नौकरियां पैदा करने का वादा भी उसे जीत नहीं दिला सका है।

नई दिल्ली: कांग्रेस की पांच साल बाद हिमाचल प्रदेश की सत्ता में वापसी का मुख्य आधार पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की बहाली का वादा और सत्ता विरोधी माहौल रहा है। प्रियंका गांधी वाद्रा की अगुवाई में कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान को ओपीएस के आधार पर खड़ा किया था और उसे इसका फायदा भी मिला है। 

कांग्रेस और भाजपा लड़ रहे थे अपने एजेंडे पर

आपको बता दें कि गत 12 नवंबर को संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जहां विकास के अपने एजेंडे की बदौलत चुनावी सफलता दोहराने की उम्मीद कर रही थी, तो वहीं मुख्य विपक्षी कांग्रेस मतदाताओं से निवर्तमान सरकार को सत्ता से बेदखल करने की चार दशक पुरानी परंपरा को बरकरार रखने की आशा कर रही थी। 

दोनों पार्टियों के नेताओं ने लगाई थी अपनी ताकत

भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रचार अभियान की कमान संभाली थी और कहा था कि भाजपा के चिह्न ‘‘कमल’’ के लिए पड़ने वाला प्रत्येक वोट उनकी क्षमता बढ़ाएगा। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई चुनावी सभाएं कीं, जबकि कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान मुख्यत: पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने संभाली थी। 

राज्य में भाजपा का हर प्लान हुआ फेल

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश का पिछले चार दशकों से हर बार सत्ता बदलने का इतिहास रहा है। भाजपा ने राज्य की महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी तादाद होने के कारण उन्हें लुभाने के लिए सोच-समझकर कदम उठाए थे। पार्टी ने उनके लिए एक अलग घोषणापत्र भी जारी किया था। 

भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने और राज्य में आठ लाख नौकरियां पैदा करने का वादा किया, जबकि कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने, महिलाओं को प्रति महीने 1500 रुपये देने और कई अन्य वादे किए थे। 

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