लाइव न्यूज़ :

स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने के कारण छात्रा का एक वर्ष बर्बाद, स्कूल पर लगा 50 हजार रुपये का जुर्माना

By भाषा | Published: October 10, 2019 8:21 PM

प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने के कारण छात्रा का एक वर्ष बर्बाद हो गया। पीठासीन सदस्य एस एम कांतिकर की अध्यक्षता वाले शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले को बरकरार रखा जिसने स्कूल पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

Open in App
ठळक मुद्देनौवीं कक्षा की छात्रा रवलीन कौर ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए 2005 में स्कूल से संपर्क किया था।उसे समय पर नहीं दिया गया और स्कूल ने कहा कि वह पढ़ाई में खराब है।

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने नौवीं कक्षा की एक छात्रा को स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी नहीं करने के लिए हिमाचल प्रदेश के दून वैली इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की खिंचाई करते हुए उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाने के कारण छात्रा का एक वर्ष बर्बाद हो गया। पीठासीन सदस्य एस एम कांतिकर की अध्यक्षता वाले शीर्ष उपभोक्ता आयोग ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के फैसले को बरकरार रखा जिसने स्कूल पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।

नौवीं कक्षा की छात्रा रवलीन कौर ने स्थानांतरण प्रमाण पत्र के लिए 2005 में स्कूल से संपर्क किया था जिसे उसे समय पर नहीं दिया गया और स्कूल ने कहा कि वह पढ़ाई में खराब है। आयोग ने कहा कि कौर के शैक्षणिक प्रदर्शन का स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करने से कोई लेना-देना नहीं है और स्थानांतरण प्रमाण पत्र में उसे ‘‘अच्छी छात्रा’’ बताने का कोई मामला नहीं बनता है।

इसने कहा कि स्कूल जवाबदेही के साथ काम कर सकता था लेकिन इसने ‘‘अनावश्यक’’ और ‘‘अवांछनीय’’ तरीके से काम किया जिसके कारण कौर का ‘‘एक बहुमूल्य शैक्षणिक वर्ष’’ बर्बाद हो गया। एनसीडीआरसी ने कहा, ‘‘स्कूल अधिकारी तथ्यात्मक रूप से सही स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करने में मनमाने या ढीले-ढाले तरीके से काम नहीं कर सकते।

इस तरह के प्रमाण पत्र छात्र के भविष्य से जुड़े होते हैं और इसे पूरी जवाबदेही के साथ और यथाशीघ्र जारी किया जाना चाहिए।’’ एनसीडीआरसी ने राज्य आयोग के आदेश को बरकरार रखते हुए स्कूल से कानूनी खर्च के साथ ही 50 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा और स्कूल की ‘‘सेवाओं में खामी’’ के लिए कड़ी टिप्पणियां कीं। जिला उपभोक्ता मंच ने 2008 में छात्रा की अपील खारिज कर दी थी लेकिन राज्य आयोग ने पांच मई 2010 को उसकी अपील मंजूर कर ली थी। 

टॅग्स :दिल्लीउपभोक्ता संरक्षण विधेयक
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठशारदा पीठ कॉरिडोर के निर्माण हेतु प्रयास करना हमारी प्राथमिकता हैः महर्षि केशवानंद

भारतराजस्थान: जयपुर के कई स्कूलों को मिली बम से उड़ाने की धमकी, छात्रों को निकाला गया

क्राइम अलर्टFarrukhabad: भैया, मामा ने कई बार लूटी मेरी आबरू, पीड़िता ने चचेरे मामा पर लगाए आरोप

भारतArvind Kejriwal Press Conference: 'हमारी पार्टी को कुचलने के लिए मोदी ने कोई कसर नहीं छोड़ी', मोदी पर बरसे केजरीवाल

भारतThunderstorm Hits Delhi-NCR: दिल्ली में धूल भरी आंधी से पेड़ उखड़े, इमारतों को नुकसान, दो की मौत और 23 घायल, दिल्ली हवाईअड्डे पर नौ उड़ानों का मार्ग परिवर्तित, देखें वीडियो

भारत अधिक खबरें

भारतHajipur, Muzaffarpur and Saran seat rally: “ना नीमन गितिया गाइब, ना मंडवा में जाइब”, बिहार में पीएम मोदी की तीन रैली, लालू यादव पर तीखा प्रहार

भारतLok Sabha Elections 2024: "लोग नवीन पटनायक की सरकार से परेशान हैं, ओडिशा में बदल रही है सरकार", केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा

भारतPM Narendra Modi in Bihar: मुजफ्फरपुर में बोले पीएम मोदी- "पाकिस्तान को चूड़ियां पहना देंगे अगर..."

भारतCBSE 10th Result 2024: 10वीं का परिणाम जारी, 93.60 छात्र हुए पास, त्रिवेंद्रम 99.75 के साथ सबसे आगे

भारतLok Sabha Elections 2024: खुद बेली रोटी, लंगर में परोसा भोजन, पटना साहिब गुरुद्वारे में इस रूप में दिखे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देखें तस्वीरें और वीडियो