सुशांत की मौत के एक वर्ष बाद बॉलीवुड के लोगों ने कहा : बहुत कुछ नहीं बदला है

By भाषा | Updated: June 14, 2021 17:48 IST2021-06-14T17:48:32+5:302021-06-14T17:48:32+5:30

One year after Sushant's death, Bollywood people said: Not much has changed | सुशांत की मौत के एक वर्ष बाद बॉलीवुड के लोगों ने कहा : बहुत कुछ नहीं बदला है

सुशांत की मौत के एक वर्ष बाद बॉलीवुड के लोगों ने कहा : बहुत कुछ नहीं बदला है

मुंबई, 14 जून सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने गुटों में बंटे बॉलीवुड का सच दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया था, लेकिन उनकी मौत के एक वर्ष बाद भी ज्यादा कुछ नहीं बदला है। यह कहना है बॉलीवुड के लोगों का।

उनका मानना है कि शक्तिशाली हिंदी फिल्म उद्योग में पक्षपात और गुटबंदी जारी है। फिल्म उद्योग अब भी बाहरी कलाकारों को अपनाने के लिए तैयार नहीं है। इस बारे में बात करने वाले कुछ लोगों ने जहां खुलकर अपने विचार रखे वहीं कुछ ने नाम उजागर नहीं करने का आग्रह किया।

‘‘एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’’ और ‘‘छिछोरे’’ जैसी फिल्मों से स्टारडम हासिल करने वाले राजपूत पिछले वर्ष 14 जून को बांद्रा स्थित अपने घर में फंदे से झूलते पाए गए थे। 34 वर्षीय अभिनेता की मौत ने मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों की तरफ ध्यान आकर्षित किया था लेकिन फिल्म उद्योग में भाई-भतीजावाद, बाहरी-भीतरी और परेशान करने जैसे मुद्दों पर भी बहस छिड़ गई थी।

निर्माता प्रीतीश नंदी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि काफी कुछ बदला है। अब भी समूह, गिरोह हैं। आप इसे पक्षपात, भाई-भतीजावाद कह सकते हैं।’’

पटना में जन्मे राजपूत की मौत के बाद पक्षपात का मुद्दा एक बार फिर तब जोर पकड़ने लगा है जब करण जौहर की फिल्म ‘‘दोस्ताना 2’’ से कार्तिक आर्यन को बाहर निकाल दिया गया है। साथ ही यह भी खबर है कि आर्यन अब शाहरूख खान प्रोडक्शन की फिल्म ‘‘फ्रेडी’’ का भी हिस्सा नहीं हैं।

ग्वालियर में जन्मे आर्यन ने हालांकि इन मुद्दों पर अभी कुछ नहीं कहा है लेकिन निर्देशक अनुभव सिन्हा ने हाल में कहा था कि आर्यन के खिलाफ अभियान ‘‘संगठित’’ प्रतीत होता है यह ‘‘अनुचित’’ है।

राजपूत की 2017 की फिल्म ‘‘राब्ता’’ के लेखकों में शामिल गरिमा बहल ने कहा कि फिल्म सेट पर मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ रखे जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि ऐसा होगा और इसके लिए हमें सुशांत को धन्यवाद देना चाहिए। उसके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था।’’

अंतरराष्ट्रीय ऐमी में नामांकित शो ‘‘फोर मोर शॉट्स प्लीज’’ के निर्माता नंदी ने कहा कि अभिनेता की मौत पर काफी राजनीति हुई। उन्होंने कहा, ‘‘सुशांत की मौत से यह स्पष्ट हो गया कि प्रतिभाशाली युवक अपनी जगह तलाशने के लिए जूझ रहा था।’’

हाल के महीने में कई चरित्र अभिनेताओं और टेलीविजन कलाकारों की मौत का जिक्र करते हुए नंदी ने कहा, ‘‘कई टेलीविजन कलाकार कोविड-19 का शिकार बन गए और कई मर रहे हैं क्योंकि उनके पास नौकरियां नहीं हैं और वे तनाव में हैं। इनके लिए कोई रक्षा कवच नहीं है। यह खतरनाक है। कुछ बड़े निर्माता भी पैसों के अभाव में चल बसे...चर्चा में आना और बने रहा भी उतना ही कठिन है।’’

सोशल मीडिया एवं अन्य मीडिया में बॉलीवडु के लिए ‘‘नशेड़ी’’ और अन्य अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया और राजपूत की मौत की जांच के लिए कई एजेंसियों को लगाया गया। इनमें मुंबई पुलिस, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो और स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) शामिल हैं।

राजपूत की मौत के मामले में करण जौहर, आदित्य चोपड़ा और सलमान खान जैसी बॉलीवुड की हस्तियों का नाम भी सामने आया। दपिका पादुकोण, सारा अली खान और श्रद्धा कपूर जैसी अभिनेत्रियों से एनसीबी ने नशे के एक मामले में पूछताछ की।

राजपूत की पूर्व प्रेमिका अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती पर उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाने और उनके धन का दुरूपयोग करने का आरोप उनके परिवार के लोगों ने लगाया। राजपूत की मौत की जांच जारी है।

बहल और उनके साथ काम करने वाले सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि फिल्म उद्योग में लोग खेल करते हैं और एक-दूसरे को नीचा दिखाते हैं।

सिंह ने कहा, ‘‘यह उद्योग काम करने के लिए कठिन है। पक्षपात है और लोग गुटों में बंटे हुए हैं।

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Web Title: One year after Sushant's death, Bollywood people said: Not much has changed

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