One nation, One election: वन नेशन-वन इलेक्शन (एक देश, एक चुनाव) पर केंद्र सरकार द्वारा कमेटी गठित किए जाने के बाद से ही इस मुद्दे पर तलवारें तन गई हैं। देश के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को वन नेशन वन इलेक्शन के लिए बनी कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इस कमेटी में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी शामिल किया गया था लेकिन उन्होंने कमेटी की हिस्सा होने से इनकार कर दिया। इस मुद्दे पर नेताओं द्वारा प्रतिक्रिया देने का दौर जारी है। इसी दौरान आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक अजीब मांग कर दी है। उन्होंने कहा है कि देश में हर तीन महीने पर चुनाव होना चाहिए।
राजस्थान में एक रैला को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, मोदी जी वन नेशन-वन इलेक्शन क्यों कह रहे हैं? हर 6 महीने में कहीं न कहीं चुनाव होते हैं तो इन्हें हर 6 महीने में जनता को हिसाब देना पड़ता है। अगर 5 साल में चुनाव हुआ तो गैस सिलेंडर ₹ 5,000 का मिलेगा और आख़िरी साल में ₹200 की छूट मिल जाएगी, टमाटर ₹1,500/KG मिलेगा। इसलिए हर साल 4 चुनाव होने चाहिए, ये कुछ तो देकर जाएंगे, वरना 5 साल तक शक्ल भी नहीं दिखायेंगे।
राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे केजरीवाल ने राज्य के लिए कई चुनावी वादे भी किए। केजरीवाल ने कहा कि शानदार स्कूल बनाएंगे, मुफ़्त बेहतरीन शिक्षा देंगे, शिक्षकों को पक्का करेंगे और शिक्षकों से सिर्फ शिक्षण का कार्य करवाएंगे। केजरीवाल ने कहा कि राजस्थान को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे और किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने और किसी को रिश्वत नहीं देनी पड़ेगी।
बता दें कि भारत सरकार ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की संभावनाएं तलाशने के लिए 8 सदस्यीय समिति का गठन किया था। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष रहे एनके सिंह, लोससभा के पूर्व सचिव और संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और संजय कोठारी को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। हालांकि अधीर रंजन ने इसका हिस्सा होने से इनकार कर दिया है। उनकी जगह पर नए सदस्य के नाम का ऐलान नहीं किया गया है।