उच्च न्यायालयों में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल पर सीजेआई ने कहा- इसके कार्यान्वयन में बहुत सारी बाधाएँ हैं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 30, 2022 19:03 IST2022-04-30T19:01:56+5:302022-04-30T19:03:45+5:30

सीजेआई ने कहा, कि हमारे पास इतनी तकनीक नहीं हैं जहां पूरे रिकॉर्ड का स्थानीय भाषा या स्थानीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद किया जा सके।

On the use of regional languages in the High Courts, the CJI said – there are many obstacles in its implementation | उच्च न्यायालयों में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल पर सीजेआई ने कहा- इसके कार्यान्वयन में बहुत सारी बाधाएँ हैं

उच्च न्यायालयों में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल पर सीजेआई ने कहा- इसके कार्यान्वयन में बहुत सारी बाधाएँ हैं

Highlightsमुख्य न्यायाधीश ने कहा - पेचीदगियों को दूर करने के लिए चाहिए समयपीएम मोदी ने अदालत में क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने को कहाकानून मंत्री ने कहा इस मुद्दे पर व्यापक परामर्श की आवश्यकता

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने हाईकोर्ट में क्षेत्रीय भाषाओं के प्रयोग को लेकर कहा कि उच्च न्यायालयों में क्षेत्रीय भाषाओं के कार्यान्वयन में बहुत सारी बाधाएँ हैं। एक कारण यह है कि कभी-कभी कुछ न्यायाधीश स्थानीय भाषा से परिचित नहीं होते हैं।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा - पेचीदगियों को दूर करने के लिए चाहिए समय

सीजेआई ने कहा, कि हमारे पास इतनी तकनीक नहीं हैं जहां पूरे रिकॉर्ड का स्थानीय भाषा या स्थानीय भाषा से अंग्रेजी में अनुवाद किया जा सके। कुछ हद तक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इसका समाधान है। हमने कोशिश भी की है। कुछ हद तक यह साकार हुआ है। आगे की पेचीदगियों के लिए समय चाहिए।

पीएम मोदी ने अदालत में क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने को कहा

दसअसल, मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाईकोर्ट में क्षेत्रीय भाषाओं के इस्तेमाल के प्रोत्साहन की बात कही थी। उन्होंने कहा कि हमें अदालतों में स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे न केवल आम नागरिकों का न्याय प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा बल्कि वे इससे अधिक जुड़ाव महसूस करेंगे।

कानून मंत्री ने कहा इस मुद्दे पर व्यापक परामर्श की आवश्यकता

वहीं अदालत में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि यह मामला कई चरणों में चर्चा में आया। हम न्यायपालिका में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल को प्रोत्साहन देने में बहुत सकारात्मक सोच रखते हैं...यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके लिए न्यायपालिका के साथ व्यापक परामर्श की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, न्यायालय में न केवल तर्क के लिए भाषा बल्कि आदेश के लिए भी किसी भाषा के इस्तेमाल के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश की इजाज़त की आवश्यकता होती है। इसलिए इस मुद्दे पर व्यापक परामर्श की आवश्यकता है। हम निश्चित रूप से इस मामले में सकारात्मक रुख रखेंगे।

Web Title: On the use of regional languages in the High Courts, the CJI said – there are many obstacles in its implementation

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