किसान दिवस पर अखिलेश यादव ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के लिए भारत रत्न की मांग की
By विशाल कुमार | Updated: December 23, 2021 13:07 IST2021-12-23T13:04:45+5:302021-12-23T13:07:58+5:30
अखिलेश यादव ने लिखा कि परम आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी की जंयती पर उन्हें याद करते हुए हार्दिक श्रद्धा-सुमन! हम आज ‘किसान दिवस’ के अवसर पर किसानों और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को ‘भारत रत्न’ देने की पुरज़ोर मांग करते हैं।

देश पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: आज देश पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की 119वीं जयंती पर किसान दिवस मना रहा है तो वहीं उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें भारत रत्न देने की मांग कर दी है.
अखिलेश यादव ने लिखा कि परम आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी की जंयती पर उन्हें याद करते हुए हार्दिक श्रद्धा-सुमन! हम आज ‘किसान दिवस’ के अवसर पर किसानों और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को ‘भारत रत्न’ देने की पुरज़ोर मांग करते हैं।
परम आदरणीय चौधरी चरण सिंह जी की जंयती पर उन्हें याद करते हुए हार्दिक श्रद्धा-सुमन!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 23, 2021
हम आज ‘किसान दिवस’ के अवसर पर किसानों और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करनेवाले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को ‘भारत रत्न’ देने की पुरज़ोर माँग करते हैं। pic.twitter.com/kOZ0FSCk7e
भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था।
चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुआ था। जुलाई 1979 से जनवरी 1980 तक देश के पांचवें प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान चौधरी चरण सिंह ने किसानों के जीवन और उनकी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई अहम नीतियां बनाईं।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के साथ गठबंधन किया है, जिसका नेतृत्व पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी कर रहे हैं। आरएलडी की स्थापना चौधरी चरण सिंह के बेटे चौधरी अजीत सिंह ने की थी।
देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न 2 जनवरी, 1954 को स्थापित किया गया था। यह सबसे पहले डॉ. सीवी रमन, सी. राजगोपालाचारी और डॉ. एस राधाकृष्णन थे। यह आखिरी बार 2019 में नानाजी देशमुख, भूपेन हजारिका और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को प्रदान किया गया था।