ओमीक्रोन की वजह से आएगी देश में कोरोना की तीसरी लहर, फरवरी में पीक पर पहुंचने की संभावना
By रुस्तम राणा | Updated: December 18, 2021 20:19 IST2021-12-18T20:16:32+5:302021-12-18T20:19:19+5:30
कोविड सुपरमॉडल पैनल के प्रमुख विद्यासागर ने बताया कि ओमीक्रोन द्वारा संचालित तीसरी लहर अगले साल की शुरुआत में आएगी और फरवरी में चरम पर पहुंचने की संभावना है।

कोविड सुपरमॉडल पैनल के प्रमुख विद्यासागर ने बताया कि ओमीक्रोन द्वारा संचालित तीसरी लहर अगले साल की शुरुआत में आएगी और फरवरी में चरम पर पहुंचने की संभावना है।
नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल समिति ने शनिवार को कहा कि भारत में ओमीक्रॉन की वजह से कोरोना की तीसरी लहर के आने की संभावना है। साथ ही कहा कि तीसरी लहर भारत में अगले साल की शुरुआत में आ सकती है, जिसके फरवरी में पीक पर पहुंचने की संभावना है।
पैनल ने कहा कि, एक बार ओमीक्रोन वैरिएंट डेल्टा स्ट्रेन को रिप्लेस कर देता है, तो निश्चित रूप से भारत में कोरोनावायरस की तीसरी लहर होगी। कोविड सुपरमॉडल पैनल के प्रमुख विद्यासागर ने बताया कि ओमीक्रोन द्वारा संचालित तीसरी लहर अगले साल की शुरुआत में आएगी और फरवरी में चरम पर पहुंचने की संभावना है।
हालाँकि उन्होने कहा कि आने वाली तीसरी लहर दूसरी लहर की तुलना में हल्की हो सकती है। विद्यासागर ने कहा कि जब डेल्टा वैरिएंट आया था तब कोविड काल में फ्रंट लाइन वर्कर्स के अलावा 18 वर्ष से अधिक आयु के आम लोगों को भी वैक्सीनेट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी। तब अधिकांश लोगों का कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा कि अभी हम प्रति दिन लगभग 7,500 मामले सामने आ रहे हैं। साथ ही कहा कि ये बहुत कम संभावना है कि तीसरी लहर में दूसरी लहर की तुलना में अधिक दैनिक मामले दिखाई देंगे. इसके अलावा कहा कि भारत सरकार ने आम भारतीयों को 1 मार्च से ही टीकाकरण शुरू कर दिया था।
उन्होंने आगे कहा कि एक सीरो-सर्वेक्षण के अनुसार एक छोटा अंश बचा है जो डेल्टा वायरस के संपर्क में नहीं आया है। उन्होंने कहा, "इसलिए तीसरी लहर में दूसरी लहर के जितने दैनिक मामले नहीं दिखेंगे। हमने उस अनुभव के आधार पर अपनी क्षमता भी बनाई है, इसलिए हमें बिना किसी कठिनाई के सामना करने में सक्षम होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "प्रत्येक परिदृश्य के लिए, हम उन मामलों की संख्या का अनुमान लगाते हैं जो परिणाम दे सकते हैं," उन्होंने कहा कि भारत में सबसे खराब स्थिति में प्रति दिन दो लाख से अधिक मामले नहीं होंगे। हालाँकि उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि ये अनुमान हैं, भविष्यवाणी नहीं है।