जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में भर्ती प्रक्रिया को लेकर राज्यपाल मनोज सिन्हा की नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की आलोचना पर प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, "कोई भी इस बात की वकालत नहीं कर रहा है कि कट्टर उग्रवादियों को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए, लेकिन यह भी गलत है कि किसी को सिर्फ इसलिए दंडित किया जाए क्योंकि उनका एक आतंकवादी से संबंध होने का दुर्भाग्य है। यह लोगों का दिल और दिमाग जीतने का तरीका नहीं है और यह ऐसा कुछ नहीं है जिसका हम कभी समर्थन करेंगे।"
पेपर लीक मामले पर बोलते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, "यह सरकार लोगों के मुद्दों को हल करने की कोशिश नहीं कर रही है। हम इस बात की जांच चाहते हैं कि एप्टेक को यहां कौन लाया और कहां धोखाधड़ी हुई। युवाओं को आश्वस्त किया जाना चाहिए कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा।"
वहीं, कॉनमैन किरण पटेल पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "आपने देखा होगा कि एक आदमी (किरण पटेल) यहां आया और यहां सरकार को बताया कि वह पीएमओ में काम करता है, उन्होंने पता लगाने की कोशिश तक नहीं की...हमारे एक सहयोगी हैं, एक पूर्व मंत्री हैं, जिन्होंने हमलों का सामना किया और हाथ जोड़कर गुजारिश करने पर भी नहीं मिलती एस्कॉर्ट गाड़ी...चुनी हुई सरकार और ऊपर से थोपी गई सरकार में यही फर्क है।"
उन्होंने ये भी कहा कि हम एक ऐसी सरकार से कैसे उम्मीद कर सकते हैं जो हमारे वास्तविक मुद्दों को हल करने के लिए पीएमओ में एक वास्तविक अधिकारी और एक ढोंगी के बीच अंतर नहीं जानती है?