तिरूवनंतपुरम, 25 नवंबर केरल की राजधानी में एक सत्र अदालत ने कहा है कि अनुपमा एस चंद्रन के पिता को अग्रिम जमानत की जरूरत नहीं है क्योंकि उन पर लगाई गई धाराएं जमानती हैं।
उल्लेखनीय है कि अनुपमा के पिता उसके बच्चे को उसकी सहमति के बगैर उसके पास से ले जाने के आरोपी हैं।
अतरिक्त सत्र न्यायाधीश जयवंत एल. ने कहा कि अनुपमा के पिता जयचंद्रन पी.एस. जरूरत पड़ने पर संबद्ध अदालत का रुख कर नियमित जमानत का अनुरोध कर सकते हैं।
अदालत ने 24 नवंबर को अपने आदेश में कहा कि पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘याचिकाकर्ता के अपराध जमानती हैं।’’
अदालत ने याचिका का निस्तारण करे हुए कहा, ‘‘इसलिए अग्रिम जमानत देने का सवाल नहीं उठता है। ’’ उल्लेखनीय है कि जयचंद्रन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एक स्थानीय नेता हैं।
जयचंद्रन के खिलाफ उनकी बेटी की शिकायत पर पेरूरकडा पुलिस थाने में धारा 361 (कानूनी अभिभावक के पास से अपहरण करना), 363 (अपहरण के लिए सजा), 343 (अवैध रूप से बंधक रखना),471 (जाली दस्तावेज को असली बताते हुए इस्तेमाल करना) और धारा 34 (साझा इरादा रखने) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मामले में उनके अलावा अनुपमा की मां, बहन और जीजा आरोपी हैं।
अनुपमा (22) को साल भर से भी अधिक समय बाद बुधवार को उसका बेटा वापस मिल गया, जिसे उसके (अनुपमा के) माता पिता तब ले कर चले गये थे जब वह महज तीन दिन का था।
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