ओडिशाः सरपंचों को कलेक्टर के बराबर अधिकार, लोगों की प्रदेश वापसी को लेकर सीएम नवीन पटनायक ने कही यह बात
By भाषा | Published: April 20, 2020 07:37 AM2020-04-20T07:37:19+5:302020-04-20T07:37:19+5:30
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो संदेश में कहा कि लॉकडाउन के नियमों को एक बार वापस लिये जाने के बाद संबंधित राज्यों एवं केंद्र के साथ समन्वय स्थापित कर उन सभी लोगों को वापस आने के लिये सुविधा मुहैया करायेगी जो यहां आना चाहते हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को कहा कि देश में जारी लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को प्रतिबंध हटाये जाने के बाद वापस लाने के लिये कदम उठाये जायेंगे और गृह राज्य में लौटने पर उनके लिये 14 दिन का पृथकवास आवश्यक होगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में सरपंचों को कलेक्टर के बराबर अधिकार दिए जाने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने वीडियो संदेश में कहा कि लॉकडाउन के नियमों को एक बार वापस लिये जाने के बाद संबंधित राज्यों एवं केंद्र के साथ समन्वय स्थापित कर उन सभी लोगों को वापस आने के लिये सुविधा मुहैया करायेगी जो यहां आना चाहते हैं। यह स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग वापस आना चाहते हैं उन सभी लोगों को ओडिशा पहुंचने पर 14 दिन के लिये पृथकवास में रखा जायेगा।
पटनायक ने कहा कि उनकी वापसी की सुविधा के लिए सरकार के पास एक प्रौद्योगिकी-आधारित प्रणाली होगी। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार ने एक 'ऐतिहासिक' निर्णय किया है जिसके तहत ग्राम पंचायतों के सरपंचों को जिला कलेक्टर के बराबर शक्तियां प्रदान की गयी है ताकि कोविड-19 महामारी का प्रभावी प्रबंधन किया जा सके।
पटनायक ने कहा कि इस संबंध में आवश्यक कानूनी कदम उठाये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने से ट्रैकिंग, निगरानी और वापस आने वालों के सुचारू तरीके से आवागमन में सुविधा होगी उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से वापस आने वाले लोगों को 14 दिन के पृथकवास में रखा जायेगा, इस दौरान उन्हें रहने की जगह, भोजन, चिकित्सा सुविधा आदि बिल्कुल मुफ्त मिलेगी।
उन्हेांने कहा कि पृथकवास की अवधि पूरा होने के बाद उन्हें इंसेंटिव के तौर पर दो हजार रुपये दिये जायेंगे। ओडिशा में दूसरे राज्यों के फंसे एक लाख से अधिक लोगों की देख रेख की जा रही है। इसी प्रकार लाखों उड़िया देश के विभिन्न हिस्से में फंस गये हैं जिनमें तीर्थयात्री, छात्र, प्रोफेशनल, श्रमिक और मरीज शामिल हैं।