62 साल से एक गांव को लेकर ओडिशा और आंध्र प्रदेश में चल रहा विवाद, जानिए क्या है मामला
By भारती द्विवेदी | Published: April 9, 2018 04:02 AM2018-04-09T04:02:06+5:302018-04-09T04:02:06+5:30
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान सोमवार (9 अप्रैल) को इस एरिया का दौरा करने वाले हैं।
नई दिल्ली, 9 अप्रैल: पिछले 62 सालों से आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के बीच एक गांव को लेकर विवाद चल रहा है। ओडिशा सरकार ने कोरापुट जिले के इस विवादित कोटिया गांव में अपने अधिकारियों की एक टीम भेजी है। ओडिशा सरकार ने ये टीम आंध्र-प्रदेश द्वारा कथित घुसपैठ मामले की जांच के लिए भेजी है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद प्रधान सोमवार को इस एरिया का दौरा करने वाले हैं। कोटिया ग्राम पंचायत के अंदर 28 गांव आते हैं, जिसमें से 21 गांव को लेकर 1956 से ही आंध्र-प्रदेश और ओडिशा के बीच विवाद है।
#Odisha govt to send a team of officials to Kotia village of Koraput to 'take stock of intrusion activities by #AndhraPradesh govt'. Union Min D Pradhan will also visit the area today. Kotia gram panchayat has 28 villages of which 21 are on disputed zone b/w Odisha&AP since 1956. pic.twitter.com/7X83KsoAS9
— ANI (@ANI) April 8, 2018
विवादित कोटिया गांव में दो सरपंच हैं। जिसमें एक आंध्र प्रदेश के हैं तो दूसरे ओडिशा से हैं। कोटिया गांव के रहने वाले दाहुर खारा न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहते हैं- 'ये एक विवादित क्षेत्र है। हम ओडिशा और आंध्र प्रदेश दोनों ही जगहों पर वोट डालते हैं। हमारे गांव में दोनों ही राज्यों को सरपंच हैं। विश्वनाथ खिला ओडिशा से हैं, वहीं बिसु जेमेल आंध्र प्रदेश के सरपंच हैं।'
This is a disputed site. We cast votes in #AndhraPradesh, as well as in #Odisha. Our village has sarpanch from both the states- Biswanath Khila from Odisha & Bisu Gemel from Andhra Pradesh: Dahur Khara, villager pic.twitter.com/pg14PHJKy9
— ANI (@ANI) April 8, 2018
लेकिन कोरापुट जिले के पूर्व डीएम जी परीदा ने किसी भी तरह के विवाद से इनकार करते हुए कहा है- 'यहां इस तरह का कोई विवाद नहीं है। ये एरिया साल 1945 से ही ओडिशा के नक्शे में है। क्योंकि ओडिशा की तरफ से यहां किसी भी तरह का विकास का काम नहीं हुआ है, जिसकी वजह से आंध्र प्रदेश की सरकार यहां के लोगों को प्रलोभन देकर लुभाने की कोशिश कर रही है। आंध्र प्रदेश की सरकार का रवैया देखकर अब ओडिशा की सरकार पहली बार यहां के विकास के बारे में सोच रही है।'