असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के कार्यान्वयन को एक "महत्वपूर्ण और साहसिक निर्णय" बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार को अपने राज्य में इस तरह की कवायद करने की जरूरत नहीं है और यदि आवश्यकता हुई तो चरणबद्ध तरीके से अमल में लाया जाएगा।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में NRC का कार्यान्वयन यूपी के लिए "एक उदाहरण" हो सकता है। यह अदालत के आदेश को लागू करने का एक महत्वपूर्ण और एक साहसी निर्णय है। मेरा मानना है कि हमें इसके लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को बधाई देना चाहिए। इन बातों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है और मुझे लगता है कि जब उत्तर प्रदेश को NRC की आवश्यकता होगी, हम ऐसा करेंगे।
उन्होंने कहा कि एनआरसी पहले चरण में असम में जिस तरह से इसे लागू किया जा रहा है, यह हमारे लिए एक उदाहरण हो सकता है। उनके अनुभव का उपयोग करते हुए हम इसे चरण-वार यहाँ शुरू कर सकते हैं। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
उल्लेखनीय है कि असम में बहुप्रतीक्षित एनआरसी की अंतिम सूची ऑनलाइन जारी कर दी गई। एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था। इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है।
वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या मामले को लेकर कहा है कि उनकी सरकार अयोध्या मामले में फैसले का "सम्मान" करेगी, जिसका सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। सभी को अदालत पर भरोसा है। हम अदालत के फैसले को मानेंगे।
सीएम योगी ने अपनी सरकार के दो साल से अधिक बीत जाने पर उपलब्धियां गिनाईं। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य और शिक्षा में गुणात्मक बदलावों की ओर इशारा किया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बेरोजगारी से निपटने और निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए पारदर्शिता के साथ काम किया है।