नई दिल्ली, 7 अगस्तः राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर जारी विवाद के बीच असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को इस बारे में एक ‘श्वेतपत्र’ लाना चाहिए कि उसने अपने चार साल के कार्यकाल में कितने विदेशियों का पता लगाया है और कितनों को वापस भेजा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि असम में अद्यतन किए जा रहे एन आर सी की परिकल्पना 2005 में उनकी सरकार ने की थी, लेकिन भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए इसे लपकने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि सरकार इस बारे में एक श्वेतपत्र प्रकाशित करे कि उसने पिछले चार साल में कितने विदेशियों का पता लगाया और कितनों को वापस भेजा तथा सीमा (बांग्लादेश से लगती) को सील करने के लिए क्या कार्रवाई की गई है।’’
गोगोई ने कहा कि यह उनके तहत कांग्रेस सरकार थी जिसने पहली बार एन आर सी अद्यतन की प्रक्रिया शुरू की थी और 2005 में तत्कालीन मंत्री भूमिधर बर्मन के अधीन एक समिति गठित की थी। उन्होंने कहा कि उस समिति में तत्कालीन मंत्री हिमंत बिस्व सरमा, जो अब असम की भाजपा सरकार में मंत्री हैं, एक सदस्य थे।
सरमा के नेतृत्व में 2007 में एन आर सी अद्यतन को तेज करने के लिए एक अन्य उप समिति गठित की गई थी। गोगोई ने कहा, ‘‘एन आर सी मेरा बच्चा, कांग्रेस का बच्चा है। स्वाभाविक पिता तो हम हैं, मोदी तो केवल लालन-पालन करने वाले पिता हैं। हम चाहते हैं कि एन आर सी को उचित एवं निष्पक्ष तरीके से क्रियान्वित किया जाए। सभी वास्तविक भारतीयों के नाम एन आर सी में शामिल होने चाहिए।’’
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