योगी के बाद अब प्रकाश जावेड़कर ब्राह्मणों के निशाने पर?
By प्रमोद भार्गव | Published: November 30, 2018 11:38 PM2018-11-30T23:38:41+5:302018-11-30T23:38:41+5:30
राजस्थान की भाजपा ने ब्राह्मणों को मनाने के लिए ब्राह्मण कार्ड खेला और मुख्यमंत्रत्री वसुंधरा राजे ने घोषणापत्र में भगवान परशुराम बोर्ड बनाने का ऐलान किया. लेकिन, इसका फायदा मिलने से पहले ही ब्राह्मणों को लेकर भाजपा नेताओं की सोच, फिर सवालिया निशान बन गई? सीएम योगी के बयान से तो नाराज ब्राह्ममण शांत हुए नहीं थे कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर के एक बयान ने एक बार फिर उन्हें नाराज कर दिया.
राजस्थान में ब्राह्मणों की जनसंख्या करीब आठ प्रतिशत होने के बावजूद सियासी प्रेरक वर्ग होने के कारण प्रदेश की राजनीति में ब्राह्मणों का दबदबा रहा है. राजस्थान में शुरू से ही ब्राह्मणों का जुड़ाव कांग्रेस के साथ रहा, लेकिन पिछले विस चुनाव में ब्राह्मणों ने भाजपा का साथ दिया. देश-प्रदेश में भाजपा जीती, परंतु केंद्र सरकार के कई निर्णयों ने ब्राह्मणों को नाराज कर दिया.
यहां तक कि सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं को वर्तमान आरक्षण व्यवस्था जारी रखते हुए अलग से आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की मांग पर भी पांच वर्षों में कोई ध्यान नहीं दिया गया. राजस्थान में बड़े ब्राह्मण नेता भंवरलाल शर्मा तो पहले से ही कांग्रेस के साथ हैं, लेकिन जब भाजपा के ब्राह्मण नेता घनश्याम तिवाड़ी ने भी भाजपा छोड़कर अपनी नई पार्टी बना ली तो भाजपा को ब्राह्मण वोटों की चिंता सताने लगी.
राजस्थान की भाजपा ने ब्राह्मणों को मनाने के लिए ब्राह्मण कार्ड खेला और मुख्यमंत्रत्री वसुंधरा राजे ने घोषणापत्र में भगवान परशुराम बोर्ड बनाने का ऐलान किया. लेकिन, इसका फायदा मिलने से पहले ही ब्राह्मणों को लेकर भाजपा नेताओं की सोच, फिर सवालिया निशान बन गई? सीएम योगी के बयान से तो नाराज ब्राह्ममण शांत हुए नहीं थे कि केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर के एक बयान ने एक बार फिर उन्हें नाराज कर दिया.
कांग्रेस पर सियासी निशाना साधने के चक्कर में कुछ उदाहरण देते हुए उन्होंने ब्राह्मणों पर ही प्रश्नचिह्न लगा दिया! अलग-थलग करने की कोशिश ब्राह्मणों को लेकर जावेड़कर के नजरिए पर ब्राह्मण नेता नाराज हो गए कि-यह सोच ब्राह्मणों को समाज के शेष वर्गों से अलग-थलग करने की कोशिश है, जबकि ब्राह्मण समाज सभी वर्गों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखता है, यही नहीं, जितने भी समाज सुधार के आंदोलन चले उसमें सबसे ज्यादा योगदान ब्राह्मणों का रहा है. ब्राह्मण नेताओं ने सवाल किया कि- जावेड़कर बताएं कि इन पांच वर्षों में जो ढोंगी बाबा पकड़े गए हैं, जिन्हें सजा हुई, उनमें कितने ब्राह्मण हैं?