प्रदेश में कोविड संबंधी सुरक्षा प्रतिबंधों को देखते हुये पुस्तकों की बिक्री को आवश्यक सेवा की सूची में शामिल करने के लिये दायर याचिका पर बम्बई उच्च न्यायालय केंद्र एवं राज्य सरकार को शुक्रवार को नोटिस जारी किये।न्यायमूर्ति के के टाटेड की एकल पीठ ने केंद्र एवं राज्य सरकार को पुणे के मराठी पुस्तकों के प्रकाशकों का एक संगठन मराठी प्रकाशक परिषद की याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है।अधिवक्ताओं असीम सरोडे और आजिंक्य उडाने के माध्यम से दायर याचिका में याचिकाकर्ता संगठन ने कहा कि कोविड-19 सुरक्षा प्रतिबंधों के तहत राज्य में किताबों की दुकान खोलने से रोक दिया गया है, इससे पुस्तक प्रकाशन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है।याचिका के अनुसार पिछले साल लगाये गये लॉकडाउन के दौरान भी शराब की उपलब्धता पर विचार किया गया, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी पुस्तक की बिक्री को आवश्यक सेवाओं की सूची में शामिल क्यों नहीं करती है । याचिका में कहा गया है, ‘‘मानव गरिमा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ जीवन के अधिकार का प्रयोग करने के लिए पुस्तकों को एक अभिन्न अंग के रूप में घोषित किया जाना चाहिए।’’ अदालत इस मामले की सुनवाई अब अगले महीने करेगी।
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