लैब में बैक्टेरियोफेज की जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी

By भाषा | Updated: July 1, 2021 23:44 IST2021-07-01T23:44:28+5:302021-07-01T23:44:28+5:30

Notice issued to the Center on the petition demanding the investigation of bacteriophage in the lab | लैब में बैक्टेरियोफेज की जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी

लैब में बैक्टेरियोफेज की जांच की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी

प्रयागराज, एक जुलाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गंगा जल में पाये जाने वाले बैक्टेरियोफेज की क्रिया की प्रयोगशाला में जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका पर केंद्र सरकार और महानिदेशक आईसीएमआर को बुधवार को नोटिस जारी किया। जनहित याचिका में दावा किया गया है कि बैक्टेरियोफेज कोविड-19 का इलाज कर सकता है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।

ब्रिटेन के जीवाणु विशेषज्ञ अर्न्स्ट हैकिन्स ने वर्ष 1896 में गंगा नदी में बैक्टेरियोफेज पाया था और अध्ययन में सामने आया था कि इसकी उपस्थिति से गंगा का पानी दूषित नहीं होता।

याचिकाकर्ता के मुताबिक, वह लंबे समय से गंगा नदी के उपचारात्मक घटकों पर अध्ययन कर रहे हैं और पिछले वर्ष कोविड-19 के प्रकोप के बाद उन्होंने कोविड के मरीजों पर गंगा जल के प्रभाव का पता लगाना शुरू किया।

अध्ययन के बाद उन्होंने “गंगा जल से कोविड-19 का इलाज” शीर्षक से एक वैज्ञानिक परिपत्र तैयार किया और इसे 26 अप्रैल, 2020 को राष्ट्रपति और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के पास भेजा। इस मिशन ने इसे आयुष मंत्रालय और आईसीएमआर के महानिदेशक के पास भेज दिया। लेकिन वैज्ञानिक अध्ययन की कमी के चलते इस पर विचार नहीं किया गया।

चूंकि याचिकाकर्ता एक अधिवक्ता थे और क्लिनिकल अध्ययन का काम किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सा संस्थान द्वारा किया जाना था, इसलिए उन्होंने वाराणसी स्थित बीएचयू के इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस के डाक्टरों से संपर्क किया और न्यूरोलाजी विभाग के प्रोफेसर डाक्टर विजय नाथ मिश्रा आगे के वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए राजी हुए।

इस याचिका में यह बताया गया है कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए एक नैजल स्प्रे भी तैयार किया गया, लेकिन इसके क्लिनिकल ट्रायल के लिए अऩुमति पिछले सात महीने से आईएमएस की एथिक्स कमेटी के समक्ष लंबित है।

इस मामले पर अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद की जाएगी।

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Web Title: Notice issued to the Center on the petition demanding the investigation of bacteriophage in the lab

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