सिर्फ आतंकी ही नहीं, घुसपैठ की कोशिशें भी उत्तर से दक्षिण की ओर

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 7, 2021 13:20 IST2021-09-07T13:17:01+5:302021-09-07T13:20:41+5:30

आधिकारिक रिकॉर्ड कहता है कि सिर्फ दो माह में ही राजौरी तथा पुंछ के इलाकों में दर्जनभर प्रयास घुसपैठ के हुए हैं। दरअसल तमाम कोशिशों के बावजूद राजौरी व पुंछ की एलओसी पर गैप और लूप होल इतने सालों के बाद भी भरे नहीं जा सके हैं। नतीजा सामने है।

not only terrorists but also infiltration attempts from north to south | सिर्फ आतंकी ही नहीं, घुसपैठ की कोशिशें भी उत्तर से दक्षिण की ओर

सिर्फ आतंकी ही नहीं, घुसपैठ की कोशिशें भी उत्तर से दक्षिण की ओर

Highlightsकश्मीर में सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव की वजह से आतंकियों ने नया ठिकाना बना लिया हैडोडा और किश्तवाड़ के साथ ही एलओसी से सटे राजौरी व पुंछ के जुड़वा जिलों को नया ठिकाना बनाया हैअब पाक सेना ने भी राजौरी व पुंछ से घुसपैठ को तेज कर दिया है

जम्मूः कश्मीर में सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव का नतीजा है कि आतंकी और आतंकी गतिविधियों ने साथ में सटे डोडा और किश्तवाड़ के साथ ही एलओसी से सटे राजौरी व पुंछ के जुड़वा जिलों को नया ठिकाना बना लिया है। यही नहीं कश्मीर में एलओसी पर घुसपैठ को थामने के प्रयासों में सेना को मिली कामयाबी के बाद अब पाक सेना ने भी राजौरी व पुंछ से घुसपैठ को तेज कर दिया है।

आधिकारिक रिकॉर्ड कहता है कि सिर्फ दो माह में ही राजौरी तथा पुंछ के इलाकों में दर्जनभर प्रयास घुसपैठ के हुए हैं। दरअसल तमाम कोशिशों के बावजूद राजौरी व पुंछ की एलओसी पर गैप और लूप होल इतने सालों के बाद भी भरे नहीं जा सके हैं। नतीजा सामने है।

यह वे प्रयास थे जिन्हें नाकाम बनाने में कामयाबी हाथ लगी थी पर जो कामयाब हो गए उनके प्रति कोई जानकारी नहीं है। पर उनकी पुष्टि राजौरी तथा पुंछ में पिछले कुछ महीनों के दौरान होने वाली दर्जनों मुठभेड़ें करती थीं जिनमें पाकिस्तानी नागरिक भी मारे गए हैं।

हालांकि रक्षा प्रवक्ता कहते थे कि प्रत्येक घुसपैठ को रोकने में कामयाबी मिली है और अगर इक्का दुक्का आतंकी घुसने मे कामयाब हुआ हो तो उसके लिए प्रतिरक्षा तंत्र नहीं बल्कि राजौरी व पुंछ की एलओसी की भौगोलिक परिस्थितियां जिम्मेदार हैं।

रक्षाधिकारी दबे स्वर में मानते थे कि राजौरी व पुंछ में एलओसी पर घुसपैठ थामना आसान नहीं है। अधिकतर स्थानों पर पाक सेना ऊंचाई वाली पोजिशन में है और नदी, नाले, गहन जंगल और गहरी खाईयां परिस्थितियों को और भयानक बनाती हैं।

हालांकि एक पुलिस अधिकारी के बकौल, राजौरी व पुंछ में वाया मुगल रोड भी कश्मीर से आतंकी आने लगे हैं। उन्हें इन जिलों में सुरक्षित ठिकाने इसलिए मिल रहे हैं क्योंकि उनका समर्थन बढ़ता जा रहा है। कुछ साल पहले तक इन जिलों में आतंकवाद चरम पर था और एक बार फिर इसमें होने वाली वृद्धि परेशानी का सबब बन गई है।

Web Title: not only terrorists but also infiltration attempts from north to south

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