नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 93 -A में सुपरटेक के ट्विन टॉवर को गिराये जाने में 24 घंटे से भी कम समय रह गया है। आज दोनों टावर्स को दोपहर 2.30 बजे विस्फोटकों की मदद से गिराया जाएगा। सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गयी हैं। इन टावर्स के आसपास एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के निवासियों ने भी अपने घर खाली कर दिए हैं। प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनके इमारतों की जांच होगी और फिर वे वापस लौट सकेंगे। इन सोसाइटी में बिजली, पानी एवं एलपीजी की आपूर्ति भी बंद कर दी गई है।
Noida Twin Towers: कौन-कौन से रूट होंगे बंद
ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू होने से कुछ घंटे पहले और उसके कुछ देर बाद तक ट्विन टावर्स के आसपास के कई रास्ते बंद कर दिए जाएंगे। कई रूट को डायवर्ट भी किया गया है। इसे लेकर नोएडा ट्रैफिक पुलिस की ओर से विशेष एडवायजरी भी जारी की गई है। नोएडा ट्रैफिक पुलिस के अनुसार ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया पूरी होने तक एटीएस तिराहा से गेझा फलध्सब्जी मण्डी तिराहा तक मार्ग बंद रहेगा।
इसके अलावा एल्डिको चौक से सैक्टर 108 की ओर डबल मार्ग व सर्विस रोड भी बंद रखा जाएगा। श्रमिक कुंज चौक से सैक्टर 92 रतिराम चौक तक डबल मार्ग और श्रमिक कुंज चौक से सेक्टर 132 की ओर फरीदाबाद फ्लाई ओवर को भी बंद किया जाएगा। इसके अलावा सेक्टर 128 से श्रमिक कुंज चौक तक फरीदाबाद फ्लाई ओवर बंद होगा।
नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले यातायात को महामाया फ्लाईओवर से सेक्टर 37 की ओर डायवर्ट किया जाएगा। नोएडा से ग्रेटर नोएडा/यमुना एक्सप्रेस-वे की ओर जाने वाले यातायात को फिल्मसिटी फ्लाई ओवर से एलीवेटेड रोड की ओर डायवर्ट किया जाएगा। यहां यातायात एलीवेटेड रोड होकर सेक्टर 60, सेक्टर 71 होकर गंतव्य की ओर जाएगा। पूरी डिटेल देखें...
आपातकालीन स्थिति के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। एम्बुलेन्स, फायर सर्विस सहित अन्य इमरजेन्सी वाहनों के लिए कन्टीजेन्सी मार्ग सेक्टर 93 टावर से सेक्टर 92 रतिराम चौक या एल्डिको चौक से फेलिक्स अस्पताल सेक्टर 137 तक मार्ग रखा जाएगा।
Noida Twin Towers: 3700 किलोग्राम विस्फोटक, 9 सेकेंड में होगी इमारत जमींदोज
ट्विन टावर्स को गिराने के लिए दोनों इमारतों मेंकरीब 7,000 छेदों में 3700 किलो विस्फोटक डाले गए हैं। इन सबमें एक साथ विस्फोट के लिए 20,000 सर्किट बनाए गए हैं। जब ट्रिगर दबाया जाएगा तो दोनों एक सीध में नीचे की ओर गिरते चले जाएंगे। इसे 'वाटरफॉल तकनीक' कहा जाता है।
दोनों इमारतों को गिरने में 9 सेकंड का समय लगेगा। वहीं करीब 12 सकेंडे में इससे निकलने वाली धूल छंटती नजर आएगी। हालांकि अगर हवा तेज रही तो थोड़ी मुश्किल आ सकती है और धूल को बैठने में कुछ और अधिक समय लग सकता है। इस इमारत के गिरने के बाद इसके करीब 55 से 80 हजार टन मलबे (3000 ट्रक) को हटाने में तीन महीने तक का समय लग सकता है। इन ट्विन टावर्स की ऊंचाई करीब 100 मीटर है, जो कुतुब मीनार की ऊंचाई से भी अधिक है।