नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार हजारों घर खरीदारों, जिन्हें उनके फ्लैट का कब्जा नहीं मिला है, के हितों की रक्षा के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रुकी हुई परियोजनाओं के मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रही है।
महाना ने कहा कि राज्य सरकार को आवासीय परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए कई सुझाव मिले हैं और घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए उन पर विचार किया जा रहा है। आम्रपाली, जेपी इंफ्राटेक और यूनिटेक सहित कई बिल्डरों ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अपनी परियोजनाओं के तहत घर खरीदारों को फ्लैट सौंपने में चूक की है, जिससे हजारों लोगों को भारी परेशानी हो रही है और उनका निवेश लगभग एक दशक से अटका हुआ है।
उन्होंने कहा कि कुछ प्रस्ताव मिले हैं, जैसे प्राधिकरण और अन्य के पास इकाइयों को गिरवी रखना और इन सभी संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। महाना ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस मुद्दे को हल करने की कोशिश कर रहे हैं... पिछले सप्ताह हमने एक उच्च स्तरीय बैठक की। हमने खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए कदम उठाए हैं और हम कोशिश कर रहे हैं, ताकि अधिकतम मुद्दों को हल किया जा सके।’’
उनसे पूछा गया था कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रुकी हुई और विलंबित आवास परियोजनाओं के मुद्दे को हल करने के लिए राज्य सरकार क्या कर रही है। इसके जवाब में उन्होंने उक्त बात कही। हस्तांतरण शुल्क आदि से ग्राहकों पर बोझ बढ़ने के बारे में एक सवाल पर राज्य के औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड की पिछली बैठक में शुल्क प्रतिशत घटाने का निर्णय किया गया था।
यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने भी शुल्क घटा दिए हैं। मित्तल ने कहा, ‘ हम शुल्कों को तर्कसंगत बनाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि घर-क्रेतओं पर प्रतिकूल असर न पड़े।’ इस अवसर पर अतिरिक्त सचिव (अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास) अरविंद कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने जापान की इलेक्ट्रानिक विनिर्माता कंपनी सैम्ससंग को 250 करोड़ रुपये की पूंजीगत सब्सिडी देगी।