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न कोई राजनीतिक चेहरा और ना पैसे, फिर भी 1967 में मुलायम सिंह यादव बने थे विधायक, जानें 'नेता जी' के शुरुआती संघर्ष के बारे में

By आजाद खान | Updated: October 10, 2022 11:07 IST

मालूम हो कि एक समय ऐसा था जब 'नेता जी' के पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे दौर से गुजरते हुए उन्होंने 1992 को को समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी।

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ठळक मुद्देसपा के संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। इस बात की जानकारी अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दी है। आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव पहली बार 1967 में विधायक बने थे।

Mulayam Singh Yadav Death:समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का आज देहांत हो गया है। कुछ दिनों से वह बीमार चल रहे थे, ऐसे में उनका इलाज गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल चल रहा था। इस बात की जानकारी सपा अध्यक्ष और मुलायम के पुत्र अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दी है। 

मुलायम सिंह यादव ने चार अक्टूबर 1992 को को समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी। ऐसे में आइए जानते है कि सपा के स्थापना के बाद मुलायम सिंह यादव ने पार्टी को मजबूत किया और कैसे उन्हें सत्ता हासिल हुई थी। 

ऐसे हुई शुरूआत

सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने 1967 में राजनीति में इंट्री ली थी। उन्होंने यूपी के जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी और वे विधायक बने थे। इस सीट से लड़ने के लिए उनकी मदद डॉ राम मनोहर लोहिया ने की थी। डॉ राम मनोहर लोहिया के पैरवी पर यहां से मुलायम सिंह को टिकट मिली थी और वे पहली बार यहां से जीते थे। 

बताया जाता है कि डॉ राम मनोहर लोहिया की मदद से टिकट तो मिल गया था लेकिन चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं थे। ऐसे में उनके दोस्त दर्शन सिंह ने उनकी मदद की थी। उन दोनों ने एक साइकल लिया और उस पर सवार होकर चुनाव प्रचार किया। 

साइकल पर आगे दर्शन सिंह बैठे और उसके पीछे मुलायम सिंह और फिर वे पूरे जसवंत नगर विधानसभा के हर एक गांव का दौरा किया। इस दौरान उन लोगों ने 'एक वोट, एक नोट' का नारा भी लगाया था। 

पहली बार में बने विधायक और मंत्री

जिस समय मुलायम सिंह यादव चुनाव लड़ रहे थे, उस समय उनके विपक्ष में कांग्रेस के हेमवंती नंदन बहुगुणा के शिष्य लाखन सिंह मैदान में थे। उस समय कांग्रेस पूरे भारत में मजबूत स्थिति में थी और ऐसे में यह लग रहा था कि मुलायम सिंह यादव जीत नहीं पाएंगे। 

लेकिन जब परिणाम आया तो सब चौंक गए और मुलायम सिंह यादव ने जीत हासिल हुई थी। इस जीत के कुछ महीने बाद ही डॉ राम मनोहर लोहिया का निधन हो गया था और ऐसे में यहां से मुलायम सिंह यादव का करियर शुरू होता है। डॉ के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव मंत्री बने थे। 

ऐसे में मुलायम सिंह यादव पहली बार विधायक बने थे और पहली बार में वे मंत्री भी बन पाए थे। 

टॅग्स :मुलायम सिंह यादवसमाजवादी पार्टीअखिलेश यादवगुरुग्राम
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