लाल बहादुर शास्त्री, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ओर दीनदयाल उपाध्याय की मौत की जांच के लिए आयोग बनाने की योजना नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 24, 2019 17:02 IST2019-07-24T17:02:33+5:302019-07-24T17:02:33+5:30
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा को शिरोमणि अकाली दल के सदस्य सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया ‘‘शास्त्री, मुखर्जी और उपाध्याय की संदिग्ध मौत की जांच के लिए आयोग गठित करने के संबंध में कुछ अनुरोध हाल ही में प्राप्त हुए हैं।

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि वर्तमान में ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है
सरकार पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, संघ परिवार के विचारक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ओर दीनदयाल उपाध्याय की ‘संदिग्ध मौत’ की जांच के लिए कोई आयोग गठित करने पर विचार नहीं कर रही है।
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बुधवार को राज्यसभा को शिरोमणि अकाली दल के सदस्य सरदार सुखदेव सिंह ढींढसा के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया ‘‘शास्त्री, मुखर्जी और उपाध्याय की संदिग्ध मौत की जांच के लिए आयोग गठित करने के संबंध में कुछ अनुरोध हाल ही में प्राप्त हुए हैं।
लेकिन वर्तमान में ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।’’ ढींढसा ने जानना चाहा था कि क्या सरकार शास्त्री, मुखर्जी और उपाध्याय की ‘संदिग्ध मौत’ की जांच के लिए कोई आयोग गठित करने पर विचार कर रही है।
पूर्व पीएम शास्त्री की 11 जनवरी 1966 को ताशकंद, श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 23 जून 1953 को श्रीनगर और दीनदयाल उपध्याय की 11 फरवरी 1968 को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई थी। लाल बहादुर शास्त्री की मौत 10 जनवरी 1966 को रूस के ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते के महज 12 घंटे बाद 11 जनवरी को अचानक हुई थी।
उनकी मौत गुत्थी आज भी अनसुलझी है। 'जय जवान जय किसान' का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने अपना पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था।
दीनदयाल उपाध्याय का शव 11 फरवरी 1968 को दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन (पहले मुगल सराय रेलवे स्टेशन) के पास मिला था। बताया जा रहा है कि 12 फरवरी 1968 को नई दिल्ली में भारतीय जनसंघ संसदीय दल की बैठक होनी थी। इसी दौरान पटना में बिहार प्रदेश भारतीय जनसंघ की कार्यकारिणी की बैठक भी होने वाली थी। लिहाजा बिहार प्रदेश के जनसंघ के तत्कालीन संगठन मंत्री अश्विनी कुमार ने जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीनदयाल उपाध्याय से बैठक में शामिल होने की अपील की थी।
इसके लिए उनको 10 फरवरी को फोन किया गया था। उनके मौत के कारण की तस्वीर अब तक साफ नहीं हो पाई है। हालांकि उनकी मौत को लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त 23 जून 1953 को श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जम्मू-कश्मीर में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। अभी तक उनकी मौत रहस्य बनी हुई है। उनका जन्म पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में 6 जुलाई 1901 को हुआ था। वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे। साल 1977 में भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया था।