चकमा और हाजोंग समुदाय के लोगों की जनगणना रोकने का कोई आदेश नहीं दिया गया: खांडू

By भाषा | Updated: December 20, 2021 16:10 IST2021-12-20T16:10:24+5:302021-12-20T16:10:24+5:30

No order has been given to stop census of people of Chakma and Hajong communities: Khandu | चकमा और हाजोंग समुदाय के लोगों की जनगणना रोकने का कोई आदेश नहीं दिया गया: खांडू

चकमा और हाजोंग समुदाय के लोगों की जनगणना रोकने का कोई आदेश नहीं दिया गया: खांडू

(उत्पल बरुआ)

ईटानगर, 20 दिसंबर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने सोमवार को कहा कि राज्य में चकमा और हाजोंग शरणार्थियों की जनगणना को रोकने के लिए सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के प्रति गंभीर है और अन्य राज्यों में चकमा तथा हाजोंग शरणार्थियों का पुनर्वास किया जाएगा।

खांडू ने कहा, “जनगणना को रोकने के लिए सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। जनगणना बहाल करने के लिए हम जिला प्रशासन को शीघ्र ही निर्देश देंगे।”

जनगणना फिर शुरू करने के लिए अखिल अरुणाचल प्रदेश छात्र संघ (आपसू) ने शनिवार को राज्य सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया जिसके बाद मुख्यमंत्री का बयान आया है। आपसू ने दावा किया था कि सात दिसंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से राज्य सरकार को एक पत्र मिलने के बाद जनगणना रोक दी गई।

इस महीने ही ‘चकमा डेवलपमेंट फॉउंडेशन ऑफ इंडिया’ (सीडीएफआई) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि अरुणाचल प्रदेश में चकमा और हाजोंग समुदाय के लोगों की नस्ली जनगणना की जा रही है।

खांडू ने कहा कि राज्य के मूलनिवासियों को आश्वासन दिया गया है कि सरकार चकमा और हाजोंग शरणार्थियों का अन्य राज्यों में पुनर्वास कराएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “लोगों को बसाने के लिए हमारे पास सटीक आंकड़े होने चाहिए जिसके लिए जनगणना की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि वैध और अवैध शरणार्थी कितनी संख्या में हैं। इसके बाद हम उन्हें सभी सुविधाओं सहित अन्य राज्यों में तत्काल बसाने के लिए केंद्र से बातचीत शुरू कर सकेंगे।”

उन्होंने कहा कि किसी ने भी इस मुद्दे को सुलझाने का कभी प्रयास नहीं किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा राज्य की भाजपा सरकार एक स्थायी समाधान निकालने का प्रयास कर रही है। खांडू ने कहा कि अरुणाचल एक जनजातीय राज्य है और गैर-अरुणाचली लोगों को यहां नहीं बसाया जा सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुरुआत में राज्य में चकमा और हाजोंग लोग शरणार्थी के रूप में आए थे लेकिन बाद में उनकी संख्या कई गुना बढ़ गई।

गत वर्ष सरकार ने विधानसभा में कहा था कि 2015-16 में कराए गए एक विशेष सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में चकमा और हाजोंग लोगों की संख्या 65,857 थी, हालांकि गैर सरकारी अनुमान के मुताबिक यह जनसंख्या दो लाख से अधिक बताई गई है।

चकमा बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग हैं और हाजोंग हिन्दू हैं जो 1964 से 1966 के बीच तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से भारत में आकर अरुणाचल प्रदेश में बस गए थे।

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