नयी दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय मिश्रा को मिले तीसरे सेवा विस्तार को कानून सम्मत न बताने के बाद उन लोगों पर निशाना साधा जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जता रहे थे।
गृहमंत्री शाह ने कहा ईडी प्रमुख संजय मिश्रा के संबंध में दिये सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर लोगों को भ्रम नहीं होना चाहिए क्योंकि ईडी एक ऐसी संस्था है, जो किसी एक व्यक्ति के कारण आगे नहीं बढ़ती है। वो अनवरत अपने भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में लगी रहेगी।
अमित शाह ने कहा कि ईडी की शक्तियां वही हैं। यह एजेंसी जिस तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसकी कमान किसके हाथ में रहेगी। बतौर संस्था ईडी महत्वपूर्ण है न कि इस संस्था के व्यक्ति।
उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले पर फैसला सुनाते हुए सीवीसी (केंद्रीय सतर्कता आयोग) अधिनियम में संसद की ओर से पारित किये संशोधन को बरकरार रखा है।"
शाह ने इस संबंध में मंगलवार शाम में ट्वीट करके कहा, ''भ्रष्ट और कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए ईडी की शक्तियां पहले जैसी हैं। यह एक ऐसी संस्था है, जो व्यक्ति विशेष से परे है। यह अपने मुख्य उद्देश्य धन शोधन और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन के अपराधों की जांच करने के लिए प्रतिबद्ध है।''
गृह मंत्री ने ट्वीट में आगे कहा, "इसलिए यह महत्वपूर्ण नहीं है कि ईडी का निदेशक कौन है क्योंकि जो कोई भी ईडी निदेशक के पद पर आयेगा। वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले राजवंशों के आरामदायक क्लब के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर ध्यान देगा।"
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में विनीत नारायण, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा और कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला द्वारा ईडी निदेशक संजय मिश्रा को मिलने वाले बार-बार के सेवा विस्तार पर आपत्ति उठाते हुए याचिका दर्ज कराई थी। जिस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा ईडी प्रमुख संजय मिश्रा के तीसरे सेवा विस्तार को अवैध ठहराया है।
इसक साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निदेशक संजय मिश्रा के सेवाकाल को 31 जुलाई तक सीमित करने का आदेश दिया। जबकि केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी संजय मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर 2023 को समाप्त हो रहा था।