शरजील सहयोग करते हैं तो कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा:महाराष्ट्र सरकार
By भाषा | Updated: March 15, 2021 18:40 IST2021-03-15T18:40:15+5:302021-03-15T18:40:15+5:30

शरजील सहयोग करते हैं तो कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा:महाराष्ट्र सरकार
मुंबई, 15 मार्च महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि वह शरजील उस्मानी के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी, बशर्ते वह पूछताछ के लिए पुणे पुलिस के समक्ष पेश होते हैं और जांच में सहयोग करते हैं।
राज्य सरकार के वकील वाई पी याज्ञनिक ने अदालत से कहा कि उस्मानी को सीआरपीसी की धारा 41 (ए) के तहत नोटिस जारी किया गया था और जब तक उस्मानी सहयोग करते हैं तब तक पुलिस इस धारा के तहत अनिवार्य प्रक्रिया का पालन करेगी।
उस्मानी के वकील मिहिर देसाई ने उच्च न्यायालय से उन्हें गिरफ्तारी से छूट देने की अपील की, जिसके बाद सरकार ने यह दलील पेश की।
सीआरपीसी की धारा 41 (ए) में प्रावधान है कि किसी व्यक्ति को तब तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा जब तक वह पुलिस जांच में सहयोग करता है। और अगर गिरफ्तारी की जरूरत पड़ती है तो पुलिस को पहले नोटिस देना होता है।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी से छूट देने का सवाल ही नहीं है जब राज्य ने धारा 41 (ए) के प्रावधानों का अनुसरण करने के लिए कहा है।
पीठ ने देसाई की टिप्पणी को भी स्वीकार कर लिया कि उस्मानी पूछताछ के लिए 18 मार्च को पुणे पुलिस के समक्ष पेश होंगे।
पीठ पुणे में कोरेगांव भीमा युद्ध की बरसी के अवसर पर 30 जनवरी 2021 को भीड़ के समक्ष कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए उस्मानी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की अपील पर सुनवाई कर रही थी।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के सचिव प्रदीप गावड़े ने शिकायत की थी कि उस्मानी ने ‘‘हिंदू समुदाय’’, ‘‘भारतीय न्यायपालिका’’ और ‘‘संसद’’ के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ बयान दिए थे, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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