हैदराबाद: तेलंगाना के निर्मल जिले में प्रशासन की ऐसी नाकामी का पर्दाफाश हुआ है जिसे देख हर कोई हैरान रह गया। मामला गर्भवती आदिवासी महिला की डिलीवरी से जुड़ा हुआ है जिसे चिकित्सा विभाग की तरफ से समय से एम्बुलेंस नहीं मिला।
आदिवासी महिला ने एम्बुलेंस का इंतजार करते-करते सड़क पर ही नवजात को जन्म दे दिया। रात के समय बीच रोड पर ही महिला की डिलीवरी कराई गई क्योंकि महिला को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका क्योंकि उसके परिवार के सदस्यों के फोन कॉल के बावजूद एम्बुलेंस नहीं पहुंची।
बताया जा रहा है कि एम्बुलेंस में ईंधन नहीं था जिसके कारण ड्राइवर गाड़ी लेकर समय से पहुंच नहीं पाया। महिला की पहचान गंगामणि के रूप में हुई है जो कि पेम्बी मंडल के सुदूर तुलसीपेट गांव की रहने वाली हैं। गंगामणि को गुरुवार रात को प्रसव पीड़ा शुरू हुई जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस को फोन किया गया।
गांव में सड़क की सुविधा नहीं
जानकारी के अनुसार, गांव में सड़क की कोई सुविधा नहीं है। मुख्य सड़क और गांव का कोई संपर्क नहीं है। ऐसे में महिला के परिवार के सदस्यों ने उसे अपने हाथों पर उठाकर एक नाला पार किया और निकटतम सड़क तक पहुंचाया।
जब उन्होंने मंडल मुख्यालय के सरकारी अस्पताल तक पहुंचने के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा को फोन किया, तो उन्हें बताया गया कि वाहन में ईंधन खत्म हो रहा है।
डिलीवरी के बाद ही एंबुलेंस पहुंची। ग्रामीणों ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सड़क कनेक्टिविटी की मांग की है। महिला को चार घंटे तक दर्द सहना पड़ा और परिजनों की मदद से उसने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया।
गनीमत ये रही कि बिना डॉक्टर के डिलीवरी के बावजूद महिला और नवजात सुरक्षित है। डिलीवरी के बाद महिला को अस्पताल पहुंचाया गया जहां दोनों सुरक्षित हैं।