एनएमसीजी का गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगाने एवं निगरानी बढ़ाने का निर्देश

By भाषा | Updated: May 11, 2021 23:02 IST2021-05-11T23:02:09+5:302021-05-11T23:02:09+5:30

NMCG directs to prohibit the flow of dead bodies in the river Ganga and increase surveillance | एनएमसीजी का गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगाने एवं निगरानी बढ़ाने का निर्देश

एनएमसीजी का गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगाने एवं निगरानी बढ़ाने का निर्देश

नयी दिल्ली, 11 मई राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने गंगा नदी में शवों को तैरते पाए जाने के बाद राज्यों को संदिग्ध कोविड-19 शवों का सुरक्षा प्रोटोकाल के अनुसार अंतिम संस्कार करने तथा जिला गंगा समिति को गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने पर रोक लगाने एवं निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है ।

एनएमसीजी के एक अधिकारी ने बताया कि समाचारपत्रों/डिजिटल मीडिया में ऐसी खबरें आई कि कुछ स्थानों पर गंगा नदी में अज्ञात शवों को प्रवाहित किये जाने की खबरें आई हैं जिनके संदिग्ध कोविड पीड़ित होने की आशंका व्यक्त की गई है। इन शवों के बहकर गंगा नदी के किनारे आने से लोग स्तब्ध और भयभीत हैं ।

उन्होंने कहा कि ऐसे में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने राज्यों में जिला गंगा समिति से गंगा नदी में शवों को प्रवाहित करने पर तत्काल रोक लगाने एवं ऐसे संदिग्ध कोविड-19 शवों का उपयुक्त ढंग से प्रोटोकाल के तहत अंतिम संस्कार करने का निर्देश दिया है ।

एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने जिला गंगा समितियों के अध्यक्षों को लिखे पत्र में निर्देश में दिया है कि संदिग्ध कोविड पीड़ितों के अज्ञान/बिना दावे वाले शवों का कोविड-19 शव प्रबंधन पर भारत सरकार के दिशानिर्देशों के अनुरूप उपयुक्त ढंग से अंतिम संस्कार किया जाना चाहिए ।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने अपने निर्देश में कहा है कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के प्रावधानों के तहत भारत सरकर की अधिसूचना के तहत एनएमसीजी का गठन किया गया था । इस अधिसूचना के पैरा 53 के तहत सभी प्रमुख शहरों में जिला गंगा समिति का गठन किया गया था और उन्हें कार्य आवंटित किये गए ।

एनएमसीजी ने समिति को कहा है कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में अज्ञान/बिना दावे वाले शवों को इस प्रकार से प्रवाहित करने से तत्काल रोका जाए । ऐसे शवों के निस्तारण के लिये मानक प्रक्रिया को साझा करें तथा शवों का उपयुक्त ढंग से अंतिम संस्कार किया जाए ।

इसमें जिले की सीमा के भीतर नदी तट की सख्त निगरानी सुनिश्चित करने को कहा गया है और यह ध्यान देने को कहा गया है कि भविष्य में इस प्रकार से नदी में शवों को प्रवाहित करने की घटना पर रोक लगे ।

मिशन ने राज्यों को संदिग्ध कोविड-19 रोगियों के शव गंगा और उसकी सहयोगी नदियों में फेंके जाने के मामलों पर रोक के लिए सतर्कता सुनिश्चित करने को कहा।

उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने मंगलवार को कहा कि बक्सर जिले में गंगा से अब तक कुल 73 शव निकाले गए हैं जिनके कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों के शव होने की आशंका जताते हुए यह संभावना जतायी जा रही है कि संभवतः अंतिम संस्कार नहीं करके उन्हें गंगा नदी में प्रवाहित कर दिया गया होगा।

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने मंगलवार को अपने ट्वीट में बक्सर जिले में चौसा गांव के पास इन शवों के गंगा नदी में मिलने की चर्चा करते हुए कहा कि 4-5 दिन पुराने क्षत-विक्षत ये शव पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से बहकर बिहार आए हैं ।

वहीं, कई समाचार चैनलों ने दावा किया है कि ये शव उन कोरोना पीड़ितों के हैं जिनके परिवार के सदस्यों द्वारा गरीबी के कारण और संसाधन के अभाव में शव को छोड़ दिया गया या सरकारी कर्मी इस डर से कि वे कहीं स्वयं संक्रमण की चपेट में न आ जाएं, शवों को नदी में फेंक कर फरार हो गए। चौसा के प्रखंड विकास अधिकारी अशोक कुमार ने सोमवार को मृतक में से किसी के भी बक्सर जिले का निवासी होने से इनकार किया था।

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Web Title: NMCG directs to prohibit the flow of dead bodies in the river Ganga and increase surveillance

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