पटना: बिहार भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख सम्राट चौधरी ने बीते रविवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संभावित रूप से भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में फिर से शामिल हो सकते हैं, जिसके वजह से बिहार में जदयू, राजद, कांग्रेस समेत अन्य दलों की सहायता से चल रही मौजूदा 'महागठबंधन' की सरकार गिर सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार नीतीश कुमार के किसी भी फैसले या जदयू के किसी भी कदम के बारे में भाजपा आलाकमान को 'कोई जानकारी' नहीं है।
राज्य भाजपा प्रमुख सम्राट चौधरी ने कहा कि अभी तक नीतीश कुमार ने इस्तीफा नहीं दिया है और न ही किसी ने महागठबंधन सरकार से समर्थन वापस लिया है। चौधरी ने कहा कि भाजपा को मौजूद महागठबंधन सरकार और नीतीश कुमार के किसी भी कदम की कोई जानकारी नहीं है।
बताया जा रहा है कि बीजेपी बिहार की स्थिति का आकलन कर रही है और जो भी घटनाक्रम होंगे, उसी के अनुसार निर्णय लिए जाएंगे। इसके साथ सम्राट चौधरी ने यह भी संकेत दिया कि नीतीश कुमार के कदम के बारे में कोई भी जानकारी तभी मिल पाएगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस तरह की कोई जानकारी मिलेगी।
चौधरी ने कहा, "न तो नीतीश कुमार जी ने इस्तीफा दिया है और न ही किसी ने समर्थन वापस लिया है। अगर कुछ होगा, तभी हमें कोई जानकारी मिलेगी। फिलहाल बीजेपी बिहार की स्थिति का आकलन करना चाहती है और उसके बाद हम उसके अनुसार निर्णय लेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "राजनीतिक घटनाक्रम या किसी भी तरह के बदलाव के बारे में हमें तभी सूचित किया जाएगा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में जानकारी मिलेगी।"
मालूम हो कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला करने के लिए विपक्ष को एकजुट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, अब उनके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में वापस जाने की संभावना है।
वहीं बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी समेत कई एनडीए के कई नेताओं ने महागठबंधन सरकार के मुख्य घटक जेडीयू-आरजेडी के बीच बिखराव के संकेत दिए हैं। इससे पहले बीते रविवार को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे बक्सर में सीएम नीतीश कुमार के साथ विकास कार्यों के शिलान्यास समारोह में शामिल हुए थे।
बक्सर में भाजपा नेता अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, "भगवान की जो इच्छा होगी, वही होगा। पहली बार मैं ही नीतीश कुमार को यहां लाया था और आज भी मैं उन्हें यहां लाया हूं।"
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता शनिवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा बुलाई गई एक आपात बैठक के लिए पटना में पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद के घर पर एकत्र हुए। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के अलावा राज्य विधानमंडल के सदस्यों सहित वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।
सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने बैठक में मौजूद पार्टी के नेताओं से कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'सम्माननीय' हैं लेकिन कई चीजें ऐसी हैं जो उनके 'नियंत्रण' में नहीं हैं।
सूत्रों ने तेजस्वी यादव के हवाले से कहा, "सीएम नीतीश कुमार सम्माननीय थे और हैं। कई चीजें नीतीश कुमार के नियंत्रण में नहीं हैं। 'महागठबंधन' में राजद के सहयोगियों ने हमेशा मुख्यमंत्री का सम्मान किया है।"
तेजस्वी ने कहा, "मुख्यमंत्री मेरे साथ मंच पर बैठते थे और पूछते थे, "2005 से पहले बिहार में क्या था?" मैंने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी। अब, अधिक लोग हमारे साथ हैं। दो दशकों में जो कुछ भी अधूरा रह गया था, हम उसे हासिल करने में कामयाब रहे यह बहुत कम समय में किया गया, चाहे वह नौकरियां हों, जाति जनगणना हो, आरक्षण बढ़ाना आदि हो।"
उन्होंने अपनी बात खत्म करते हुए आखिर में कथित तौर पर यह भी कहा, "बिहार में अभी खेल होना बाकी है।"
मौजूदा सियासी घटनाक्रम को देखें तो अगर नीतीश कुमार जदयू के साथ एनडीए में चले जाते हैं, तो यह चौथी बार होगा जब वह पाला बदलेंगे। हालांकि, सीएम नीतीश कुमार ने अभी तक इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है।