'सरकार चलाएं नीतीश कुमार और जदयू की कमान निशांत को दें': जेडीयू के सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री किया आग्रह
By रुस्तम राणा | Updated: July 20, 2025 17:28 IST2025-07-20T17:24:26+5:302025-07-20T17:28:58+5:30
नीतीश कुमार के बेटे निशांत को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्होंने अपनी पोस्ट में नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए कहा- सरकार का संचालन करना अब उनके लिए उचित नहीं है। पार्टी की जवाबदेही का हस्तांतरण करें।

'सरकार चलाएं नीतीश कुमार और जदयू की कमान निशांत को दें': जेडीयू के सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री किया आग्रह
पटना: बिहार चुनाव से पहले राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर एक धमाकेदार पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) की कमान बेटे निशांत कुमार को सौंपने की सलाह दी है। उन्होंने अपनी इस पोस्ट में दोनों पिता-पुत्र की फोटो भी लगाई है। दरअसल, नीतीश कुमार के बेटे निशांत को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्होंने अपनी पोस्ट में नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए कहा- सरकार का संचालन करना अब उनके लिए उचित नहीं है। पार्टी की जवाबदेही का हस्तांतरण करें।
उपेन्द्र कुशवाह अपनी पोस्ट में लिखते हैं, "मीडिया/सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि आज बड़े भाई आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी के सुपुत्र निशांत का जन्मदिन है। खुशी के इस अवसर पर जनता दल (यूनाइटेड) की नई उम्मीद निशांत को जन्म दिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। ईश्वर उसे हमेशा स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त रखें।"
वह आगे अपनी पोस्ट में लिखते हैं, "इस अवसर पर आदरणीय श्री नीतीश कुमार जी से अति विनम्र आग्रह है कि समय और परिस्थिति की नजाकत को समझते हुए इस सच को स्वीकार करने की कृपा करें कि अब सरकार और पार्टी दोनों का (साथ-साथ) संचालन स्वयं उनके लिए भी उचित नहीं है।"
उन्होंने लिखा, "सरकार चलाने का उनका (नीतीश कुमार) लंबा अनुभव है जिसका लाभ राज्य को आगे भी मिलता रहे, यह फिलहाल राज्य हित में अतिआवश्यक है। परन्तु पार्टी की जवाबदेही के हस्तांतरण (जो वक्त मेरी ही नहीं स्वयं उनकी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं/नेताओं की राय में अब आ चुका है) के विषय पर समय रहते ठोस फैसला ले लें।"
उन्होंने कहा, "यही उनके दल के हित में है और इसमें विलंब दल के लिए अपूर्णीय नुकसान का कारण बन सकता है। शायद ऐसा नुकसान जिसकी भरपाई कभी हो भी नहीं पाये।" अंत में कुशवाहा लिखते हैं, "मैं जो कुछ कह रहा हूं, जदयू के नेता शायद मुख्यमंत्री जी से कह नहीं पाएंगे और कुछ लोग कह भी सकते हों, तो वैसे लोग वहां तक पहुंच ही नहीं पाते होंगे।"