पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन से ठीक नहीं चल रहा है। एनडीए में सबसे पहले सीट का बंटवारा हुआ। लेकिन सांसद उपेंद्र कुशवाहा और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी को 6-6 सीट मिलने के बाद नाराज हो गए। अब बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार भी नाराज हैं। मोरवा, गायघाट, राजगीर, सोनबरसा और एकमा पर नीतीश कुमार ने प्रत्याशी उतार दिए हैं। ये सीट केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान को दी गई थी। बिहार एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है और इसके फॉर्मूले पर नाराजगी जाहिर करते हुए राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि “नथिंग इज वेल इन एनडीए।” इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में मुलाकात की।
सीट बंटवारे की घोषणा के बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच फिर से मतभेद उभरकर सामने आए हैं। राजग के दो छोटे सहयोगी दल केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) को छह-छह सीट मिलने पर दोनों दलों ने सीट बंटवारे के फार्मूले को लेकर असंतोष जताया है।
राजग ने रविवार को 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सीट बंटवारे की घोषणा की थी। बताया जाता है कि महुआ सीट चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी को देने से कुशवाहा नाराज हैं। राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार पांडे का मानना है कि यदि दिल्ली में होने वाली शाह–कुशवाहा की मुलाकात सकारात्मक रही, तो राजग एकजुटता का संदेश दे सकेगा।
लेकिन अगर मतभेद कायम रहे, तो इसका असर बिहार चुनाव के समीकरणों पर पड़ सकता है। जनता दल (यूनाइटेड) ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने 57 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें पार्टी ने अनुभव और सामाजिक संतुलन का ध्यान रखते हुए कई मौजूदा मंत्रियों, वरिष्ठ नेताओं तथा चर्चित चेहरों पर भरोसा जताया है।
पार्टी की ओर से जारी सूची में विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, मदन सहनी, रत्नेश सदा और महेश्वर हजारी के नाम शामिल हैं। पार्टी ने इन सभी मौजूदा मंत्रियों पर भरोसा बरकरार रखा है। सूची में कई ऐसे नाम भी हैं जो हाल में राजनीतिक रूप से चर्चा में रहे हैं। इनमें पूर्व मंत्री श्याम रजक और बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह प्रमुख हैं।
करीब एक वर्ष पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) छोड़कर जद(यू) में वापसी करने वाले श्याम रजक को पार्टी ने टिकट दिया है। मोकामा के बाहुबली नेता अनंत कुमार सिंह को भी जद(यू) ने अपना प्रत्याशी घोषित किया है। सिंह ने मंगलवार को ही नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था। जद(यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को महनार सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
उन्होंने भी मंगलवार को नामांकन दाखिल किया था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस कदम के जरिए जद(यू) ने प्रदेश संगठन और नेतृत्व को चुनावी मैदान में उतरने का संदेश दिया है। मंत्री मदन सहनी को बहादुरपुर, रत्नेश सदा को सोनबरसा, महेश्वर हजारी को कल्याणपुर, विजय कुमार चौधरी को सरायरंजन और श्रवण कुमार को नालंदा से चुनावी मैदान में उतारा गया है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सभी प्रमुख सामाजिक वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है, हालांकि पहली सूची में मुस्लिम समुदाय का कोई प्रत्याशी नहीं है। उम्मीदवारों की सूची के अनुसार, मोकामा से अनंत सिंह, एकमा से धुमल सिंह और कुचाएकोट से अमरेंद्र पांडे को टिकट दिया गया है। ये तीनों बाहुबली माने जाते हैं। पार्टी ने वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार टिकट वितरण में अधिक सतर्कता बरती है और जीत की संभावना वाले क्षेत्रों पर फोकस किया है।
जद(यू) इस बार 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि 2020 में उसने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और 43 सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस बार सीटों की संख्या से ज्यादा ध्यान उन सीटों पर केंद्रित किया है, जहां जीत की संभावना अधिक मानी जा रही है। 243 विधानसभा के लिए मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।