पटनाः बिहार में नई सरकार की गठन के बाद धीरे धीरे सभी मंत्री अपना विभाग संभाल रहे हैं। इसी कड़ी में नीतीश कैबिनेट में पहली बार मंत्री बनी श्रेयसी सिंह ने भी अपना पदभार संभाल लिया है। आईटी एवं खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने आईटी विभाग विश्वशरैया भवन में पदभार ग्रहण किया। श्रेयशी सिंह ने कहा कि भाजपा और एनडीए के शीर्ष नेतृत्व में उन पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है जो प्रभार मुझे मिला है, जिसका प्रभार मैंने ग्रहण किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और नीतीश कुमार का प्रिय विभाग है।
श्रेयसी सिंह ने कहा कि हम भरोसा दिलाते हैं कि हम पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे। हर काम चुनौती होती है हमें चुनौतियों से डर नहीं लगता हम डटकर सामना करना जानते हैं। उन्होंने कहा कि वे खेल से जुड़ी थी तो उन्हें इस विभाग और खिलाड़ियों को होने वाली परेशानी से अवगत हैं और वो उनकी हर परेशानियों को दूर करेंगी।
उन्होंने कहा कि वे ब्लू प्रिंट बनाएंगी और उसके अनुसार काम करेंगी। श्रेयसी सिंह ने कहा कि आने वाले समय में बिहार की खिलाड़ियों के लिए बेहतर व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि जमुई के साथ-साथ पूरे बिहार को कोई ऐसा काम ना करें जिससे कि निराशा हो सके। अपने उम्मीद से बढ़कर काम करेंगे।
बता दें कि श्रेयसी सिंह का राजनीतिक सफर किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। जमुई जिले के गिद्धौर से ताल्लुक रखने वाली श्रेयसी का परिवार राजनीति और खेल दोनों क्षेत्रों में मजबूत पहचान रखता है। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी हैं, जबकि मां पुतुल कुमारी भी सांसद रह चुकी हैं। दादा कुमार सुरेंद्र सिंह नेशनल राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं।
खेल के मैदान पर श्रेयसी ने बेहद कम उम्र में भारत का नाम रोशन किया। डबल ट्रैप शूटिंग की विशेषज्ञ श्रेयसी ने 2018 के गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीता। 2014 एशियन गेम्स में टीम इवेंट में ब्रॉन्ज उनके खाते में गया।
इसके लिए उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 2024 पेरिस ओलंपिक्स में वे बिहार की पहली शूटर के रूप में शामिल हुईं। हाल ही में 61वीं नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। खेल से राजनीति की ओर उनका सफर 2020 में शुरू हुआ, जब उन्होंने भाजपा जॉइन की।
जमुई विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ते हुए उन्होंने राजद के विजय प्रकाश को 41,000 से ज्यादा वोटों से हराया। 2025 के विधानसभा चुनाव में उनकी जीत और भी बड़ी रही 54,498 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से। उन्होंने राजद के मोहम्मद शमशाद आलम को करारी शिकस्त दी।