नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और इतिहासकार रामचंद्र गुहा (Ramchandra Guha) के बीच ट्विटर वॉर हुआ। रामचंद्र गुहा एक ट्वीट पर जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने लिखा, ''अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है। चिंता करने की जरूरत नहीं है मिस्टर गुहा। मौजूदा राष्ट्रीय चर्चा पर विचारों का संज्ञान लेना और जिम्मेदारी से अपना काम करना कोई विशेष बात नहीं है। किसी भी रूप से इतिहास में रूचि एक बढ़त है। निश्चित रूप से आपके जैसे बुद्धिजीवी व्यक्ति को यह समझ में आना चाहिए।'' आइए जाने निर्मला सीतारमण और इतिहासकार रामचंद्र गुहा के बीच किस बात को लेकर हुआ पूरा विवाद।
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने 11 जून को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने ब्रिटिश लेखक फिलिप स्प्रैट की 1939 की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए लिखा था, ''गुजरात हालांकि, आर्थिक रूप से मजबूत है लेकिन सांस्कृतिक रूप से पिछड़ा हुआ है। वहीं इसके उलट बंगाल आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है, लेकिन सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है।''
इस ट्वीट में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी भड़क गए थे। उन्होंने गुहा के इस ट्वीट का रिप्लाई देते हुए लिखा, 'पहले अंग्रेज जिन्होंने बांटने की कोशिश की और राज किया। अब कुछ बुद्धिजीवियों का ग्रुप है, जो भारतीयों को बांटना चाहता है। भारतीय इनकी चाल मे नहीं फंसेंगे। गुजरात महान है, बंगाल महान है। भारत एकजुट है। हमारी सांस्कृतिक नींव मजबूत है और हमारी आर्थिक महत्वाकांक्षाएं ऊंची हैं।'
इतिहासकार रामचंद्र गुहा के गुजरात-बंगाल वाले ट्वीट पर निर्मला सीतारमण ने भी प्रतिक्रिया दी। निर्मला सीतारमण ने 2018 में पब्लिश की गई एक खबर का लिंक पोस्ट करते हुए रामचंद्र गुहा को टैग कर लिखा, ''कम्युनिस्ट इंटरनेशनल से जुड़े ब्रिटेन वासी फिलिप स्प्रैट ने जब यह लिखा तब गुजरात में ये हो रहा था। जामनगर...महाराजा जाम साहेब दिग्विजय सिंह जी जडेजा ने पोलैंड के 1000 बच्चों को बचाया #संस्कृति।''
जिसपर रामचंद्र गुहा ने रिप्लाई किया, 'मुझे लगता था कि केवल गुजरात के मुख्यमंत्री ने सिर्फ टिप्पणी की लेकिन अब ऐसा लगता है कि वित्त मंत्री को भी एक साधारण इतिहासकार का ट्वीट हजम नहीं हो रहा है। अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से सुरक्षित हाथों में है।'