निर्भया के माता-पिता का दर्द महसूस कर सकता हूं: तेलंगना रेप पीड़िता के पिता, जानें और क्या कहा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 7, 2020 02:34 PM2020-02-07T14:34:15+5:302020-02-07T14:51:03+5:30

सुप्रीम कोर्ट  में अब इस मामले की सुनवाई 11 फरवरी को होगी। इसी बीच बार-बार मामले को आगे बढ़ाए जाने के बीच तेलांगना में रेप के बाद जला कर मारी गई 27 साल की पीड़िता के पिता ने कहा कि मेरे परिवार को अब भी बुरे सपने आते हैं।

Nirbhaya case: I can feel the pain of Nirbhaya's parents: father of Telangana rape victim, know what else | निर्भया के माता-पिता का दर्द महसूस कर सकता हूं: तेलंगना रेप पीड़िता के पिता, जानें और क्या कहा

निर्भया के माता-पिता

Highlightsदिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि निर्भया मामलों में सभी चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए न कि अलग-अलग। दिल्ली हाई कोर्ट ने चारों दोषियों को एक हप्ते का वक्त दिया है, कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने के लिए।

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में मौत की सजा पाए चारों दोषियों को फांसी दिए जाने के संबंध में केंद्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट  में अब इस मामले की सुनवाई 11 फरवरी को होगी। इसी बीच बार-बार मामले को आगे बढ़ाए जाने के बीच तेलांगना में रेप के बाद जला कर मारी गई 27 साल की पीड़िता के पिता ने कहा कि मेरे परिवार को अब भी बुरे सपने आते हैं।

जी न्यूज की रिपोर्ट की मानें तो इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 4 दोषियों की फांसी के लिए इंतजार कर रहे निर्भया के माता-पिता के दर्द को भी समझ सकता हूं। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द ऐसे लोगों को फांसी दिया जाना चाहिए। इससे समाज में एक संदेश जाता है।

दरअसल, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को नोटिस जारी कर कहा है कि वे जल्द से जल्द अपने कानूनी विकल्प इस्तेमाल करें। इससे पहले इन दोषियों की फांसी की सजा पर रोक के खिलाफ केंद्र की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा था कि चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाएगी न कि अलग-अलग। साथ ही न्यायालय ने उन्हें बाकी के बचे कानूनी उपायों का इस्तेमाल करने के लिए एक हफ्ते की समयसीमा दी। उसने कहा कि अगर दोषी अब से सात दिन के भीतर किसी तरह की याचिका दायर नहीं करते हैं तो संबंधित संस्थान/प्राधिकरण बिना किसी विलंब के कानून के अनुसार मामले से निपट सकते हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि निर्भया मामलों में सभी चारों दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए न कि अलग-अलग और अदालत ने संबंधित अधिकारियों को इस बात के लिए कसूरवार भी ठहराया कि उन्होंने 2017 में उच्चतम न्यायालय द्वारा अभियुक्तों की अपील खारिज किए जाने के बाद मृत्यु वारंट जारी करने के लिए कदम नहीं उठाया।

निचली अदालत ने 31 जनवरी को मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) को फांसी दिए जाने पर ‘‘अगले आदेश तक रोक’’ लगा दी थी। 

Web Title: Nirbhaya case: I can feel the pain of Nirbhaya's parents: father of Telangana rape victim, know what else

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