राहुल गांधी ने कहा- भारत में संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है, लोग डरते हैं, वे घबरा जाते हैं कि क्या होने वाला है

By शीलेष शर्मा | Published: June 12, 2020 03:22 PM2020-06-12T15:22:10+5:302020-06-12T15:24:41+5:30

राहुल और बर्न्स ने भारत-अमेरिका संबंधों तथा चीन की भूमिका को लेकर विस्तार से चर्चा की, बर्न्स ने कहा कि यह सच में एक बड़ा विचार है। मुझे याद है कि हम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मिलकर काम कर रहे थे। जब मैं भारत सरकार के साथ काम कर रहा था, तो हमारा संबंध वास्तव में व्यापार पर केंद्रित था, यह सैन्य संबंध पर केंद्रित था और हम हमेशा आपके बड़े विचार की खोज कर रहे थे.

Nicholas Burns, Rahul gandhi talk: India, US can work together, not to fight China, but to make it observe rule of law | राहुल गांधी ने कहा- भारत में संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है, लोग डरते हैं, वे घबरा जाते हैं कि क्या होने वाला है

अमेरिकी एम्बेस्डर निकोलस बर्न्स और राहुल गांधी की बातचीत.

Highlightsअमेरिकी एम्बेस्डर निकोलस बर्न्स ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से वीडियो पर चर्चा की.बर्न्स ने कहा कि एक प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में भी मुश्किल समय है.

नई दिल्लीः हमारी लड़ाई सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए है, भारत की तरह लोगों को मास्क पहनने के लिए मनाने की कोशिश करना है।  क्योंकि अमेरिका में लोग इसे छोड़ना शुरू कर रहे हैं। आमतौर पर युवा लोग। मुझे लगता है कि विश्वविद्यालय को बंद रखना लोगों की सुरक्षा करना है और इसलिए इस तरह के बंद के लिए अनुशासन रखना भविष्य में महत्वपूर्ण है यह बात एम्बेस्डर निकोलस बर्न्स ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से वीडियो पर हुई चर्चा के दौरान उस समय कही जब वह लॉक डॉउन पर अपनी राय व्यक्त कर रहे थे। 

राहुल ने बर्न्स से सवाल किया "मैं हाथ तो नहीं मिला रहा लेकिन मास्क और सुरक्षा के साथ लोगों से मिलता हूं। क्योंकि सार्वजनिक सभाएं संभव नहीं हैं और यहां ये राजनीति के लिए संजीवनी है। सोशल मीडिया और ज़ूम के जरिए काफी बातचीत हो रही है। इसके कारण राजनैतिक क्षेत्र में कुछ आदतें निश्चित ही बदलने जा रही है"।

राहुल गांधी ने कहा- कोविड एक भयानक समय है

राहुल ने बर्न्स को उद्द्योगपति बजाज से हुयी चर्चा का वह अंश साझा किया जिसमें सत्ता का डर लोगों में बना हुआ है इसके जबाब में बर्न्स की टिप्पड़ी थी पूरी दुनिया के लिए ये मुश्किल समय है। एक प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में भी मुश्किल समय है। मुझे लगता है कि आप अभी भी आशान्वित हैं? इसके जबाब में राहुल ने कहा " मैं सौ प्रतिशत आशान्वित हूं। मैं आपको बताता हूँ कि मैं क्यों आशान्वित हूँ। क्योंकि मैं अपने देश के डीएनए को समझता हूं। मैं जानता हूं कि हजारों वर्षों से मेरे देश का डीएनए एक प्रकार का है और इसे बदला नहीं जा सकता। हाँ, हम एक खराब दौर से गुजर रहे हैं। कोविड एक भयानक समय है, लेकिन मैं कोविड के बाद नए विचारों और नए तरीकों को उभरते हुए देख रहा हूँ। मैं लोगों को पहले की तुलना में एक-दूसरे का बहुत अधिक सहयोग करते हुए देख सकता हूं"।

बर्न्स ने कहा- हम चीन के साथ संघर्ष नहीं चाह रहे हैं

राहुल और बर्न्स ने भारत-अमेरिका संबंधों तथा चीन की भूमिका को लेकर विस्तार से चर्चा की, बर्न्स ने कहा "यह सच में एक बड़ा विचार है। मुझे याद है कि हम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मिलकर काम कर रहे थे। जब मैं भारत सरकार के साथ काम कर रहा था, तो हमारा संबंध वास्तव में व्यापार पर केंद्रित था, यह सैन्य संबंध पर केंद्रित था और हम हमेशा आपके बड़े विचार की खोज कर रहे थे। आप सही हैं, क्योंकि हमारी लोकतांत्रिक परम्पराओं के रूप में हमारे पास बेशकीमती सम्पत्ति है। मुझे अब भी लगता है कि दुनिया में मानव स्वतंत्रता, लोकतंत्र और लोगों के शासन को बढ़ावा देने के लिए भारतीयों, अमेरिकियों और हमारी सरकारों के लिए एक रास्ता खोजना है। मुझे लगता है कि यह एक शक्तिशाली विचार है जो भारतीयों और अमेरिकियों को दुनिया के बाकी हिस्सों में एक साथ ला सकता है। हम चीन के साथ संघर्ष नहीं चाह रहे हैं, लेकिन हम एक तरह से चीन के साथ विचारों की लड़ाई लड़ रहे हैं, हम खुद को चीन से अलग नहीं रख सकते। 

बिना हिंसा के सहकारी प्रतिस्पर्धा का पक्षधर हूंः राहुल गांधी

बर्न्स ने राहुल से पूछा आप क्या सोचते हैं ,जिसके जबाब में राहुल ने कहा बिना हिंसा के सहकारी प्रतिस्पर्धा का पक्षधर हूं। चीन के पास एक अलग वैश्विक दृष्टि है, जो अधिनायकवादी है। हमारा लोकतांत्रिक वैश्विक दृष्टिकोण है और मुझे पूरा विश्वास है कि लोकतांत्रिक दृष्टिकोण बेहतर रहेगा। इसे हासिल करने के लिए हमें अपने देशों से शुरुआत करनी होगी। आंतरिक रूप से हमारा स्वरूप अधिनायकवादी नहीं हो सकता है और फिर वो दृष्टिकोण बनाया जाए। उस दृष्टिकोण को लोकतंत्र की नींव से ही, हमारे देशों के भीतर से ही खड़ा किया जाना चाहिए। भारत में मुझे समस्या दिखाई देती है। हमारे लिए लोकतंत्र के बारे में कोई तर्क देना बहुत मुश्किल हो जाता है, जब हमारे संस्थानों को कमजोर किया जा रहा है, जब हमारे लोग डरते हैं, जब हमारे देश के लाखों लोग घबरा जाते हैं कि उनके साथ क्या होने वाला है।

Web Title: Nicholas Burns, Rahul gandhi talk: India, US can work together, not to fight China, but to make it observe rule of law

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