एनजीटी को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार प्राप्त है : न्यायालय

By भाषा | Updated: October 7, 2021 21:12 IST2021-10-07T21:12:49+5:302021-10-07T21:12:49+5:30

NGT has the right to take suo motu cognizance: Court | एनजीटी को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार प्राप्त है : न्यायालय

एनजीटी को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार प्राप्त है : न्यायालय

नयी दिल्ली, सात अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को संज्ञान लेने का अधिकार प्राप्त है। न्यायालय ने कहा कि ‘‘देश और देशवासियों के भले’’ के लिए जरूरी है कि पर्यावरण को होने वाले नुकसान के मुद्दों से निपटने के लिए कोई लचीला तंत्र मौजूद हो ताकि हम आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छा विरासत छोड़ सकें।

शीर्ष अदालत ने कहा कि ‘‘अगर कोई उसका दरवाजा नहीं खटखटाता है तो ऐसे में एनजीटी मूक दर्शक बना नहीं रह सकता है’’ और तत्काल और प्रभावी कार्रवाई के लिए जरूरी मुद्दों से अगर अधिकरण अपना हाथ खिंचने लगे तो यह मंच को अपनी जिम्मेदारी निभाने से रोकेगा।

न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उसे ऐसी व्याख्या स्वीकार करनी चाहिए जो जनहित में हो और ऐसी बिलकुल ना हो जो देश के पर्यावरण निगरानी अधिकरण को ‘‘दंतहीन विषहीन’ बना दे।

न्यायमूर्ति खानविलकर, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने 77 पन्नों के अपने फैसले में कहा, ‘‘इसी आधार पर यह घोषित किया जाता है कि एनजीटी कानून के तहत अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करने के लिए एनजीटी को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार प्राप्त है।’’

न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण कानून, 2020 के तहत एनजीटी को स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार है या नहीं इस प्रश्न पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश पारित किया। यह प्रश्न कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उठा था।

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Web Title: NGT has the right to take suo motu cognizance: Court

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