मोहन सरकार का नया टास्क, मंत्रियों को सरकारी बंगले के आवंटन

By अनुराग.श्रीवास्तव@लोकमत.इन | Published: January 1, 2024 02:07 PM2024-01-01T14:07:20+5:302024-01-01T14:09:04+5:30

एमपी में सत्ता के चेहरे बदलने के साथ अब सरकारी बंगलों का इंतजार बढ़ चला है। मोहन कैबिनेट में शामिल मंत्रियों को सरकारी बंगलो के आवंटन का इंतजार है तो मोहन सरकार के लिए चुनौती पहले से सरकारी बंगलो पर कब्जा जमाए पूर्व मंत्री और विधायको से आवास खाली कराना है।

New task of Mohan government, allotment of government bungalow to ministers | मोहन सरकार का नया टास्क, मंत्रियों को सरकारी बंगले के आवंटन

मोहन सरकार का नया टास्क, मंत्रियों को सरकारी बंगले के आवंटन

Highlightsमोहन कैबिनेट के मंत्रियों को बंगले की आसपुराने मंत्रियों से आवासा खाली कराना है बड़ा टास्क

मध्य प्रदेश में सूबे के सरदार से लेकर मंत्रियों के चेहरों के बदले जाने से अब सरकार की नई चुनौती कैबिनेट के सदस्यों को सरकारी आवास का आवंटन करना है । नए मंत्री आवास आवंटन के इंतजार में है तो आवास की फाइल होम से लेकर सीएमओ तक इधर से उधर हो रही है।

 मध्य प्रदेश में मोहन ने अपनी कैबिनेट का विस्तार कर लिया है। 28 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। दो डिप्टी सीएम समेत 28 मंत्रियों वाली सरकार में आवास आवंटन का मुद्दा चुनौती वाला बन गया है।

 मोहन कैबिनेट में हैवीवेट वाले मंत्रियों के लिए हैवीवेट बंगलो की तलाश है।
कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, राव उदय प्रताप सिंह जैसे मंत्रियों के लिए बड़े सरकारी आवास की जरूरत है। इसके साथ ही पहली बार विधायक चुनकर मंत्री बने चेहरों के लिए भी सरकारी आवास का आवंटन होना है। लेकिन मुश्किल इस बात को लेकर कि पहले से सरकारी बंगलो पर जमे बड़े नेताओं से आवास खाली कैसे कराया जाए।

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  मंत्री नही पर बड़े बंगले के मालिक...
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह,गोपाल भार्गव, बिसाहू लाल,मीना सिंह,उषा ठाकुर, ब्रजेन्द्र सिंह यादव, ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, हरदीप सिंह डंग इस बार मंत्री नहीं है। लेकिन उनके सरकारी आवास पर नए मंत्रियों की नजर है।

हारे मंत्री GFX
  पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, महेंद्र सिंह सिसोदिया, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सुरेश धाकड़, रामखेलावन पटेल, राहुल सिंह लोधी, भरत सिंह कुशवाहा, कमल पटेल, अरविंद भदौरिया, राम किशोर कावरे, प्रेम सिंह पटेल इस बार चुनाव हार गए हैं लेकिन नेताओं ने अभी तक आवास खाली नहीं किए हैं ।

आलम ये है कि कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय तो प्रह्लाद पटेल पूर्व विधायक भाई जालम सिंह पटेल के सरकारी निवास से सरकार चला रहे हैं। बाकी पहली बार मंत्री बने विधायकों की मुश्किल इस बात को लेकर कि उनके पास अभी कोई ठिकाना नहीं है। कोई गेस्ट हाउस में रुका है तो कोई अपने रिश्तेदार के घर से सरकार चल रहा है।

 आवास आवंटन का फैसला सीएम मोहन को करना है।  चुनाव हारे और मंत्री नहीं बने नेताओं को आवंटित बंगलों की सूची होम ने सीएमओ को भेजी है। लेकिन मोहन सरकार के सामने मुश्किल है कि चुनाव जीतने चुनाव हारने से लेकर मंत्री की रेस से बाहर हुए विधायकों से बड़े आवास खाली कैसे कराए जाए और नए मंत्रियों के सामने मुश्किल है कि वह फिलहाल सरकार कहां से चलाएं।

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Web Title: New task of Mohan government, allotment of government bungalow to ministers

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