लाइव न्यूज़ :

NCRB Data: टाडा और पोटा के बाद यूएपीए मामलों में भी जम्मू कश्मीर टॉप पर, साल 2021 में दर्ज हुए 289 मामले

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: September 1, 2022 13:57 IST

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के बकौल, वर्ष 2021 में 289 यूएपीए मामलों के साथ जम्मू कश्मीर देश में सबसे टॉप पर रहा। हालांकि वर्ष 2020 में भी 287 मामलों के साथ दौड़ में कोई अन्य राज्य उससे आगे नहीं निकल पाया था।

Open in App
ठळक मुद्देNCRB के आंकड़ों के बकौल, वर्ष 2021 में जम्मू कश्मीर में दर्जु हुए 289 यूएपीए मामलेइससे पिछले वर्ष 2020 में भी 287 मामलों के साथ जम्मू-कश्मीर रहा था टॉप परजबकि वर्ष 2019 में यहां दर्ज किए गए थे यूएपीए के 255 मामले

जम्मू: यह सच में हैरानगी की बात है की जम्मू कश्मीर हमेशा आगे रहने की दौड़ में सफल रहा है। अब वह यूएपीए अर्थात गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम में बाजी मार रहा है। पहले ही टाडा और पोटा के मामलों में वह सबसे आगे रहा है।

नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों के बकौल, वर्ष 2021 में 289 यूएपीए मामलों के साथ जम्मू कश्मीर देश में सबसे टॉप पर रहा। हालांकि वर्ष 2020 में भी 287 मामलों के साथ दौड़ में कोई अन्य राज्य उससे आगे नहीं निकल पाया था तो वर्ष 2019 में भी यहां यूएपीए के 255 मामले दर्ज हुए थे।

कश्मीर में 33 सालों से फैले आतंकवाद के दौर में सुरक्षा एजेंसियों और तत्कालीन सरकारों ने आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए बनाए गए सभी कानूनों का जम कर इस्तेमाल किया है। इसमें सबसे ज्यादा टाडा का इस्तेमाल हुआ जिसमें 20 हजार से अधिक मामले दर्ज तो हुए पर सजा शायद ही किसी को मिली हो।

टाडा के मामलों की खास बात यह थी कि तत्कालीन राज्य सरकारों ने इसके अस्तित्व में आते ही सबसे पहले इसका जमकर इस्तेमाल करना आरंभ किया और जब पोटा अस्तित्व में आया तो वह उसकी ओर मुढ़ गईं। 

फिलहाल पोटा के तहत दर्ज मामलों पर कोई आधिकारिक रिकार्ड उपलब्ध नहीं है। लेकिन, पोटा, टाडा और यूएपीए के साथ साथ जम्मू कश्मीर में पीएसए अर्थात जन सुरक्षा अधिनियम का भी जम कर इस्तेमाल हुआ है तथा आज भी हो रहा है। 

आधिकारिक रिकार्ड के अनुसार, वर्ष 2019 में ही एक हजार से अधिक लोगों पर पीएसए लगा उन्हें जेलों में ठूंस दिया गया। इनमें आतंकी भी शामिल थे और अन्य अपराधी भी। जबकि सरकार ने कई बार राजनीतिज्ञों पर भी इसे थोपने से परहेज नहीं किया। 

यही नहीं पांच अगस्त को राज्य के दो टुकड़े करने और उसकी पहचान खत्म किए जाने की कवायद के बाद भी पीएसए का जम कर इस्तेमाल हो रहा है और यूएपीए का इस्तेमाल नए रिकार्ड बना रहा है।

टॅग्स :एनसीआरबीजम्मू कश्मीरUAPA
Open in App

संबंधित खबरें

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारतJammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से खुशखबरी, आतंकी हिंसा में गिरावट पर आतंक और दहशत में नहीं

पूजा पाठVaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी की यात्रा में गिरावट, पिछले साल के मुकाबले श्रद्धालुओं की संख्या घटी

भारतदिल्ली लाल किला कार विस्फोटः जम्मू-कश्मीर और लखनऊ में कुल 8 जगहों पर NIA छापेमारी, ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल पर नजर, पुलवामा, शोपियां और कुलगाम में एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई