नयी दिल्ली, छह मार्च राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भोपाल पुलिस को पत्र लिखकर शहर में स्थित एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के संस्थापक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है, जिसकी एक रिपोर्ट से ''दुनियाभर में भारत की नकारात्मक छवि बनी है।''
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने एक बयान में कहा कि 'पर्सक्यूशन रिलीफ' नामक एनजीओ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बिना किसी सबूत के आरोप लगाया कि ईसाई संस्थान तथा अनाथालयों को देश में उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। इससे भारत की अखंडता और प्रतिष्ठा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
कानूनगो ने दावा किया कि एक स्वतंत्र जांच में पाया गया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई।
उन्होंने कहा, ''आयोग को एक शिकायत मिली, जिसके जरिये उसे एनजीओ द्वारा प्रकाशित की गई रिपोर्ट के बारे में पता चला...एनजीओ ने 2019 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे भारत की अखंडता और साख पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। दुनियाभर में यह वार्षिक रिपोर्ट प्रसारित हुई, जिसके चलते विश्व में भारत की एक भयावह छवि बनी है।'
उन्होंने एनजीओ के संस्थापक शिबू थॉमस तथा अन्य अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है।
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