कोरेगांव-भीमा मामले की जांच केंद्र द्वार एनआईए को सौंपे जाने पर राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) चीफ ने मोदी सरकार के इस फैसले को गलत ठहराया है और इसे संविधान के खिलाफ बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सरकार उनके फैसले का समर्थन करना भी गलत है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एनसीपी चीफ पवार ने कहा कि सुबह में पुलिस अधिकारियों के साथ महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों की बैठक थी और दोपहर 3 बजे केंद्र ने मामले को एनआईए को ट्रांसफर करने का आदेश दिया। यह संविधान के अनुसार गलत है, क्योंकि अपराध की जांच राज्य का अधिकार क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस में कुछ लोगों का व्यवहार (भीमा कोरेगांव जांच में शामिल) आपत्तिजनक था। मैं चाहता था कि इन अधिकारियों की भूमिका की जांच हो।
पुणे पुलिस के मुताबिक, 31 दिसंबर 2017 में पुणे में एल्गार परिषद का सम्मेलन हुआ था। इसको माओवादियों का समर्थन प्राप्त था और कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिए गए थे, जिस वजह से अगले दिन जिले के कोरेगांव भीमा युद्ध स्मारक पर हिंसा हुई।