छत्तीसगढ़ः नक्सलियों ने पहली बार बस्तर में CRPF कैंप के ऊपर ड्रोन उड़ाया, देखते ही गोली मारने के दिए गए आदेश

By भाषा | Published: November 17, 2019 06:00 PM2019-11-17T18:00:01+5:302019-11-17T18:00:01+5:30

छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सल हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) शिविर पर ड्रोन या मानव रहित यान (यूएवी) मंडराने के मामले सामने आने के बाद यह निर्देश दिया गया है।

Naxals use drones over CRPF camp in Bastar, shoot at sight order issued | छत्तीसगढ़ः नक्सलियों ने पहली बार बस्तर में CRPF कैंप के ऊपर ड्रोन उड़ाया, देखते ही गोली मारने के दिए गए आदेश

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माओवादियों द्वारा ड्रोन कब्जाने और उसके संचालन की घटना के हाल में सामने आने के बाद वामपंथी चरमपंथ प्रभावित राज्यों में तैनात सुरक्षा बलों को इन्हें देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किये गए हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। यह नया निर्देश केंद्र में स्थित सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों की केंद्रीय कमान द्वारा दिया गया है।

हाल में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सल हिंसा से सबसे बुरी तरह प्रभावित सुकमा जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) शिविर पर ड्रोन या मानव रहित यान (यूएवी) मंडराने के मामले सामने आने के बाद यह निर्देश दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मौके पर तैनात बलों से साझा किए गए आधिकारिक संदेश के मुताबिक, “ लाल और सफेद रोशनी उत्सर्जित करने वाले ड्रोन” पिछले महीने तीन दिनों में कम से कम चार बार किस्ताराम और पालोडी में केरिपुब शिविर के पास उड़ते देखे गए।

ड्रोन द्वारा होने वाली हल्की आवाज ने शिविर में तैनात जवानों का ध्यान खींचा जिसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाला और नक्सलियों द्वारा गड़बड़ी फैलाने की आशंका को देखते हुए आसपास के शिविरों को सतर्क किया गया। सूत्रों ने कहा हालांकि सुरक्षा बल जब तक इन ड्रोनों पर लक्ष्य साधकर उन्हें मार गिराते ये छोटे मानवरहित यान आसमान में गायब हो गए।

इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद सुरक्षा प्रतिष्ठानों ने मामले की जांच शुरू की जिसके बाद खुफिया एजेंसियां मुंबई के एक दुकानदार के पास पहुंची जिसके बारे में संदेह है कि उसने अज्ञात लोगों को ड्रोन बेचे। ये लोग संभवत: नक्सली थे। सूत्रों ने कहा कि इस संबंध में जांच जारी है।

खुफिया एजेंसियां खास तौर पर दो शिविरों को लेकर चिंतित हैं जहां ड्रोन देखे गए। यह दोनों शिविर नक्सल प्रभाव वाले इलाके में हैं जहां समुचित सड़क संपर्क नहीं है और नियमित रूप से इसके आसपास सशस्त्र माओवादियों की आवाजाही देखी गई है क्योंकि इस इलाके की सीमा ओडिशा, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के जंगल से सटे इलाकों से लगती है।

इस गतिविधि से जुड़ी जानकारी रखने वाले एक शीर्ष सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “यह घटनाक्रम गंभीर चिंता का विषय है। माओवादियों द्वारा ड्रोन रखना और उसका इस्तेमाल करना एक नयी चुनौती है और सुरक्षा बलों को लंबे समय से इसकी आशंका थी। यह अब सामने आया है।”

उन्होंने कहा, “वामपंथी चरमपंथ प्रभावित सभी राज्यों में सुरक्षा बलों को नक्सलियों द्वारा संचालित ऐसे ड्रोनों या मानवरहित यान को देखते ही मार गिराने का आदेश दिया गया है।” शुरुआती विश्लेषण में सामने आया कि जो ड्रोन देखे गए वो ऐसे थे जिनका इस्तेमाल शादी या सार्वजनिक सभाओं जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में किया जाता है।

एजेंसियों को शक है कि नक्सलियों ने हाल में ये छोटे ड्रोन हासिल किये हैं जिनका उद्देश्य सुरक्षा बलों के शिविरों से जुड़ी जानकारियां हासिल करना, उनकी गतिविधियों पर नजर रखना आदि है। 

Web Title: Naxals use drones over CRPF camp in Bastar, shoot at sight order issued

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