नक्सल गतिविधियां अब बस्तर क्षेत्र के कुछ इलाकों तक ही सीमित : चौबे

By भाषा | Updated: December 15, 2020 18:50 IST2020-12-15T18:50:43+5:302020-12-15T18:50:43+5:30

Naxal activities now confined to some areas of Bastar region: Choubey | नक्सल गतिविधियां अब बस्तर क्षेत्र के कुछ इलाकों तक ही सीमित : चौबे

नक्सल गतिविधियां अब बस्तर क्षेत्र के कुछ इलाकों तक ही सीमित : चौबे

रायपुर, 15 दिसंबर छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने दावा किया है कि राज्य में नक्सल गतिविधियां अब बस्तर क्षेत्र के कुछ इलाकों तक ही सीमित रह गई हैं। बहुत जल्द राज्य को इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

कृषि मंत्री चौबे ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में राज्य में पिछले दो वर्षों में शुरू की गई योजनाओं और कार्यों की जानकारी दी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार को 17 दिसंबर को दो वर्ष पूरे हो जाएंगे।

कृषि मंत्री ने राज्य में नक्सल समस्या के संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान बस्तर क्षेत्र में एक समानांतर सरकार (नक्सलियों द्वारा) चलाई जा रही थी। तब राज्य सरकार केवल राजमार्गों तक ही सीमित थी।

उन्होंने कहा कि लेकिन अब नक्सली गतिविधियों को नारायणपुर और बीजापुर जिलों के कुछ कोने में तथा कोंटा क्षेत्र के (सुकमा जिला) के कुछ इलाकों तक ही सीमित कर दिया गया है। राज्य सरकार क्षेत्र में विकास, रोजगार सृजन और युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए हर स्तर पर काम कर रही है। चौबे ने विश्वास जताया कि राज्य को जल्द ही समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नया छत्तीसगढ़ बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है। राज्य में गरीबों, किसानों, मजदूरों, वनवासियों, महिलाओं तथा युवाओं सहित समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

चौबे ने कहा कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने किसानों को लाभान्वित किया है। केंद्र ने राज्य सरकार से इस योजना का प्रारूप मांगा है।

उन्होंने कहा कि किसानों को उपज का सही मूल्य उपलब्ध कराने और फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष मई माह में न्याय योजना की शुरूआत की गई। इस योजना के तहत अब तक किसानों को तीन किस्तों में 4500 करोड़ रूपए प्रदान किया गया है। पिछले खरीफ मौसम के फसल की आखिरी किस्त 1,250 करोड़ रूपये अगले वर्ष मार्च में दी जाएगी।

मंत्री ने कहा कि राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत दो रूपए प्रति किलोग्राम के दर से गोबर खरीदा जा रहा है। इससे 'वर्मी-कम्पोस्ट' का उत्पादन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद राज्य में कृषि सहित सभी क्षेत्रों में वृद्धि देखी गई है।

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Web Title: Naxal activities now confined to some areas of Bastar region: Choubey

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