राष्ट्रीय प्रेस दिवस: मीडिया से सनसनी पैदा करने से बचने, फर्जी खबरों पर रोक लगाने का आह्वान

By भाषा | Updated: November 16, 2021 21:19 IST2021-11-16T21:19:44+5:302021-11-16T21:19:44+5:30

National Press Day: Call on media to stop creating sensation, stop fake news | राष्ट्रीय प्रेस दिवस: मीडिया से सनसनी पैदा करने से बचने, फर्जी खबरों पर रोक लगाने का आह्वान

राष्ट्रीय प्रेस दिवस: मीडिया से सनसनी पैदा करने से बचने, फर्जी खबरों पर रोक लगाने का आह्वान

नयी दिल्ली, 16 नवंबर राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवर पर मंगलवार को मीडिया से पत्रकारिता के प्रमुख सिद्धांतों को कायम रखने और सनसनी पैदा करने से बचने के साथ ही भारत के जीवंत लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और फर्जी खबरों के खतरे को रोकने का आह्वान किया गया।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस अवसर पर मीडियाकर्मियों को बधाई दी और उनसे झूठी व सनसनीखेज खबरों पर लगाम लगाने का आह्वान करते हुए कहा कि निष्पक्ष तथा प्रामाणिक सूचना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है।

नायडू ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर मीडिया से जुड़े सभी मित्रों को हार्दिक बधाई। जनता को सही, निष्पक्ष, प्रामाणिक और सामयिक सूचना से शिक्षित करने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है, यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी भी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मीडिया झूठी और सनसनीखेज खबरों के बढ़ते प्रचलन को रोके। सोशल मीडिया का प्रयोग समाज में एकता, सौहार्द और सजगता बढ़ाने में होना चाहिए।’’

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मीडिया एक निगरानी संस्था है और इसकी भारत के जीवंत लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने अपने वीडियो संदेश में मीडिया से फर्जी खबरों की समस्या से निजात पाने का आह्वान किया।

ठाकुर ने कहा, “राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारत के नागरिकों के महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने में मीडिया और प्रेस की भूमिका को प्रतिबिंबित करने का दिन है। मीडिया एक निगरानी संस्था है और भारत के जीवंत लोकतंत्र में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।”

मंत्री ने कहा, “ इस दिन, मैं मीडिया के अपने मित्रों से आह्वान करता हूं कि वे फर्जी खबरें और फर्जी विमर्श के खतरे पर काबू पाने के लिए सभी प्रयास करें। सरकार ने अपनी तरफ से कुछ उपाय किए हैं, जैसे पत्र सूचना ब्यूरो में फैक्ट चैक (तथ्यों की जांच) इकाई स्थापित करना, जिसे लोकप्रियता मिली है।”

भारतीय पेस परिषद (पीसीआई) ने इस अवसर पर 'मीडिया से कौन नहीं डरता?' विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए तमिल भाषा की पत्रिका ‘तुगलक’ के संपादक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति ने मीडिया में स्वतंत्रता के पहले से लेकर आज तक आए बदलावों की चर्चा की।

सोशल मीडिया के बारे में बात करते हुए उन्होंने इसे ‘अराजकतावादी’ बताया और कहा कि इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए, क्योंकि यह हर किसी की छवि, राष्ट्रीय सुरक्षा व राष्ट्रीय हितों के प्रति खतरा पैदा करता है।

संगोष्ठी में शामिल लोगों में से कुछ ने गुरुमूर्ति के सुझाव से असहमति जताते हुए कहा कि असत्यापित सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए उपाय किए जाने की जरूरत है और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध उचित कदम नहीं होगा।

पीसीआई की स्थापना के सम्मान में प्रति वर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मौके पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सच बोलने की सजा मिले, तो साफ है कि सत्ता झूठ की है।

गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘जब सच बोलने पर सज़ा मिले, तो साफ़ है कि सत्ता झूठ की है।’’

इस अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक बयान में कहा कि किसी भी घटना के सभी सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को जनता के सामने उजागर करने की मीडिया की भूमिका राष्ट्र की लोकतांत्रिक नींव को मजबूत करने में मदद करती है।

उन्होंने कहा कि मीडिया सरकार के विभिन्न अंगों के बीच एक सेतु का काम करती है और एक स्थिर लोकतांत्रिक व्यवस्था को बढ़ावा देती है।

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Web Title: National Press Day: Call on media to stop creating sensation, stop fake news

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