नेशनल हेराल्ड: सोनिया गांधी को पेश होने के लिए ईडी ने भेजा नया समन, 23 जून को बुलाया, जानिए क्या है नेशनल हेराल्ड की गुत्थी
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 11, 2022 03:18 PM2022-06-11T15:18:21+5:302022-06-11T15:34:35+5:30
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष को पूछताछ के लिए ईडी ने 23 जून को बुलाया है, जिन्हें पहले 8 जून को पेश होना था। हेराल्ड केस में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ उनके बेटे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी एजेंसी आगामी 13 जून को पूछताछ कर सकती है।
दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में पेश होने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जून को नई तारीख दी है।
इस मामले में जानकारी देते हुए ईडी के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि 75 साल की सोनिया गांधी को पहले 8 जून को पेश होना था लेकिन चूंकि वो कोरोना से प्रभावित हैं। इसलिए उन्होंने एजेंसी से पेश होने के लिए नई तारीख मांगी थी, जिसे अब 23 जून कर दिया गया है।
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के साथ उनके बेटे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी एजेंसी आगामी 13 जून को पूछताछ कर सकती है।
राहुल गांधी को ईडी ने पहले 2 जून को बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने विदेशी दौरे का हवाला देते हुए एजेंसी से पेश होने के लिए नई तारीख मांगी थी। जिसके बाद ईडी ने उन्हें 13 जून के पेश होने के लिए नया समन जारी किया था।
नेशनल हेराल्ड केस स्वामित्व के ट्रांसफर का केस है, जिसे सबसे पहले भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में उठाया था।
इस मामले में स्वामी ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप लगाया था कि गांधी परिवार के सदस्यों के साथ कुछ अन्य लोगों ने फर्जी तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया, जबकि यंग इंडियन लिमिटेड की उतनी नेटवर्थ ही नहीं है, जितने कीमत का यह अधिग्रहण है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने यह साजिश दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये कीमत की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया। इसमें तत्कालीन कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल बोरा, सुमन दूबे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत तमाम लोगों को आरोपी बनाया गया था।
मालूम हो कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने महात्मा गांधी के कहने पर साल 1938 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम से एक कम्पनी बनाई थी, जिसके स्वामित्व में नेशनल हेराल्ड का अखबार प्रकाशित होता था। चूंकि कंपनी अखबार का प्रकाशन करती थी, इसलिए दिल्ली समेत देश कई बड़े शहरों में इसे सस्ते दामों पर जमीनें मिली।
भाजपा सांसद स्वामी का आरोप ये है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सुमन दुबे सहित अन्य ने यंग इंडियन लिमिटेड कंपनी इसलिए बनाई, ताकि वो इसके जरिएएसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को खरीद सकें और उसकी अचल संपत्ति पर कब्जा कर सकें। साल 2011 में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सुमन दुबे सहित अन्य की कम्पनी यंग इंडिया लिमिटेड ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को महज 50 लाख रुपये अदाकर टेकओवर कर लिया।
स्वामी का आरोप है कि एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड के 90 करोड़ रुपये की देनदारी की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी ने 26 फरवरी 2011 को अपने पास ले ली। इसके बाद सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सुमन दुबे सहित अन्य ने 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है।
कंपनी में बाकी की 24 फीसदी हिस्सेदारी सुमन दुबे, कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। मोती लाल बोरा और ऑस्कर फर्नांडीज दोनों ही दिवंगत हो चुके हैं। इसके बाद एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के 10-10 रुपये के नौ करोड़ शेयर 'यंग इंडियन ' को दे दिए गए और इसके बदले यंग इंडियन को कांग्रेस का लोन चुकाना था।
चूंकि 9 करोड़ शेयर के साथ यंग इंडियन को एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के 99 फीसदी शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने कंपनी का 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया और इस तरह से यानी 'यंग इंडियन' बिना किसी कीमत के एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का स्वामित्व मिल गया। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)