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NCBC Punjab and West Bengal: पंजाब-पश्चिम बंगाल में रोजगार आरक्षण कोटा बढ़ाने की सिफारिश, लोकसभा चुनाव के बीच एनसीबीसी ने अन्य पिछड़ा वर्ग दिया तोहफा, जानें असर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 16, 2024 14:04 IST

National Commission for Backward Classes NCBC Punjab and West Bengal: वर्तमान समय में पंजाब में रोजगार के क्षेत्र में कुल 37 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिसमें 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति को और 12 प्रतिशत आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को दिया गया है।

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ठळक मुद्देNational Commission for Backward Classes NCBC Punjab and West Bengal: ओबीसी के लिए 13 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की है। National Commission for Backward Classes NCBC Punjab and West Bengal: वर्ग के लिए कुल आरक्षण 25 प्रतिशत हो जाएगा। National Commission for Backward Classes NCBC Punjab and West Bengal: पिछड़े वर्गों के लिए 50 प्रतिशत तक आरक्षण की सीमा तय की है।

National Commission for Backward Classes NCBC Punjab and West Bengal: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने पंजाब और पश्चिम बंगाल में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए रोजगार में आरक्षण कोटा बढ़ाने की सिफारिश की है। एक परामर्श के अनुसार, आयोग का यह फैसला मौजूदा आरक्षण नीतियों, मौखिक बयानों और दस्तावेजी साक्ष्यों की समीक्षा करने के बाद आया है, जिसका उद्देश्य इंदिरा साहनी मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना है। वर्तमान समय में पंजाब में रोजगार के क्षेत्र में कुल 37 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, जिसमें 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति को और 12 प्रतिशत आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को दिया गया है।

एनसीबीसी ने रोजगार में ओबीसी के लिए 13 प्रतिशत अतिरिक्त आरक्षण बढ़ाने की सिफारिश की है, जिससे इस वर्ग के लिए कुल आरक्षण 25 प्रतिशत हो जाएगा। यदि ओबीसी वर्ग को रोजगार में 13 प्रतिशत और आरक्षण मिल जाता है तो यह उच्चतम न्यायालय के उस आदेश का पालन होगा जिसमें उन्होंने सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए 50 प्रतिशत तक आरक्षण की सीमा तय की है।

पंजाब सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव डी के तिवारी 22 फरवरी को एनसीबीसी में उपस्थित हुए थे और उन्होंने आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता जताई थी। पश्चिम बंगाल में ओबीसी वर्ग में 35 नई जातियाँ/समुदाय शामिल हैं। राज्य की ओबीसी सूची में अभी तक 143 जातियां हैं, जिनमें से 83 जातियां मुस्लिम समुदाय से हैं।

पश्चिम बंगाल के नियंत्रण में सरकार द्वारा संचालित या सहायता प्राप्त प्रतिष्ठानों में सेवाओं और पदों के संबंध में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण कोटा क्रमशः 22 प्रतिशत, छह प्रतिशत और 17 प्रतिशत है।

एनसीबीसी ने बताया कि पश्चिम बंगाल को एक अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार के अधीन सेवाओं और पदों के संबंध में अन्य पिछड़ा वर्ग को 17 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। एनसीबीसी का कहना है कि राज्य सरकार के अधीन ओबीसी के लिए रोजगार में शेष पांच प्रतिशत आरक्षण, उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 50 फीसदी के दायरे में बढ़ाया जा सकता है।

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