बजट पर पीएम मोदी व सचिवों की बैठक, सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और रोजगार सृजन के मुद्दों पर गहन विचार विमर्श

By भाषा | Published: June 18, 2019 08:50 PM2019-06-18T20:50:35+5:302019-06-18T20:50:35+5:30

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी पांच सचिवों के अलावा नीति आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी संभवत: सभी विभागों के साथ सुधारों की रूपरेखा पर विचार किया ताकि देश में कारोबार करने की व्यवस्थाएं और सुगम की जा सकें तथा अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।

Narendra Modi meets key secretaries in run up to Budget | बजट पर पीएम मोदी व सचिवों की बैठक, सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और रोजगार सृजन के मुद्दों पर गहन विचार विमर्श

वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पांच जुलाई को पेश किया जाना है। मोदी ने उससे पहले शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार विमर्श शुरू किया है।

Highlightsबैठक में राजस्व बढ़ाने व सुधारों के जरिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की रफ्तार तेज करने के उपायों पर भी संभवत: चर्चा हुई।वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका पांच साल का निचला स्तर है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वित्त और अन्य मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। बजट से पहले हुई इस बैठक में सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और रोजगार सृजन के मुद्दों पर गहन विचार विमर्श हुआ।

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में वित्त मंत्रालय के सभी पांच सचिवों के अलावा नीति आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मोदी संभवत: सभी विभागों के साथ सुधारों की रूपरेखा पर विचार किया ताकि देश में कारोबार करने की व्यवस्थाएं और सुगम की जा सकें तथा अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ाया जा सके।

सूत्रों ने कहा कि बैठक में राजस्व बढ़ाने व सुधारों के जरिये सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि की रफ्तार तेज करने के उपायों पर भी संभवत: चर्चा हुई। वित्त वर्ष 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 6.8 प्रतिशत पर आ गई है जो इसका पांच साल का निचला स्तर है।

आंकड़ों के अनुसार मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर के दायरे में है, लेकिन जनवरी-मार्च की तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत के पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है। इससे वृद्धि दर के मामले भारत अब चीन से पिछड़ गया है।

वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पांच जुलाई को पेश किया जाना है। मोदी ने उससे पहले शीर्ष अधिकारियों के साथ विचार विमर्श शुरू किया है। इन विचारों को बजट में शामिल किया जा सकता है। माना जा रहा है कि मोदी के नेतृत्व में नयी सरकार जहां विनिर्माण में निवेश को प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगी वहीं वह आगामी बजट में कृषि क्षेत्र की परेशानियों को दूर करने और किसानों की आय बढ़ाने के कदम भी उठाएगी। 

प्रधानमंत्री अर्थशास्त्रियों, क्षेत्र के विशेषज्ञों से करेंगे बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्थिक वृद्धि को गति देने तथा रोजगार सृजन के लिये आर्थिक नीति की रूपरेखा पर चर्चा के लिये प्रमुख अर्थशास्त्रियों तथा विशेषज्ञों के साथ शनिवार 22 जून को बैठक करेंगे। सूत्रों के अनुसार बैठक का आयोजन नीति आयोग कर रहा है।

इसमें विभिन्न मंत्रियों, नीति आयोग के अधिकारी, प्रमुख अर्थशास्त्री, क्षेत्र के विशेषज्ञ और उद्योगपति शामिल होंगे। यह बैठक हाल में जारी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि के आंकड़े जारी होने के बाद हो रही है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के अनुसार कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के कमजोर प्रदर्शन के कारण 2018-19 की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर घटकर 5.8 प्रतिशत रही जो पांच साल का न्यूनतम स्तर है।

कमजोर आर्थिक वृद्धि दर के कारण भारत इस मामले में चीन से पीछे हो गया है। सीएसओ के आंकड़े में यह भी कहा गया है कि 2017-18 में बेरोजगारी 45 साल के उच्च स्तर 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गयी। वित्त वर्ष 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर (2011-12 की कीमतों पर) भी पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही। इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में यह 7.2 प्रतिशत थी। बैठक इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि यह बजट से पहले हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को बजट पेश करेंगी। 

Web Title: Narendra Modi meets key secretaries in run up to Budget

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