"नरेंद्र मोदी 'चंदा कारोबार' का सच छुपाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं", राहुल गांधी ने एसबीआई द्वारा चुनावी बांड की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए अधिक समय मांगने पर कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 5, 2024 09:29 AM2024-03-05T09:29:06+5:302024-03-05T09:36:26+5:30

राहुल गांधी ने एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक का समय बढ़ाने की मांग को लेकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।

"Narendra Modi has tried his best to hide 'donation business'", Rahul Gandhi says as SBI seeks more time to make electoral bond details public | "नरेंद्र मोदी 'चंदा कारोबार' का सच छुपाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं", राहुल गांधी ने एसबीआई द्वारा चुनावी बांड की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए अधिक समय मांगने पर कहा

फाइल फोटो

Highlightsराहुल गांधी ने एसबीआई द्वारा चुनावी बांड की जानकारी देने के लिए समय मांगने पर पीएम मोदी पर साधा निशाना राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी 'दान कारोबार' को काले सच को छिपाने की कोशिश कर रहे हैंदेश की हर स्वतंत्र संस्था ‘मोडानी परिवार’ बनकर उनके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगी है

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) द्वारा निर्वाचन आयोग को चुनावी बांड के जरिये राजनीतिक दलों को मिले धन की जानकारी साझा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अधिक समय मांगने पर केंद्र में सत्ता की अगुवाई कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है।

राहुल गांधी ने बीते सोमवार को एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक का समय बढ़ाने की मांग को लेकर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सारी कवायद चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी का 'असली चेहरा' छुपाने की आखिरी कोशिश भर है।

इसके साथ वायनाड से लोकसभा के सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी अपनी ओर से 'दान कारोबार' को काले सच को छिपाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर किये पोस्ट में कहा, ''नरेंद्र मोदी ने ‘चंदे के धंधे’ को छिपाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। जब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉण्ड का सच जानना देशवासियों का हक़ है, तब एसबीआई क्यों चाहता है कि चुनाव से पहले यह जानकारी सार्वजनिक न हो पाए? एक क्लिक पर निकाली जा सकने वाली जानकारी के लिए 30 जून तक का समय मांगना बताता है कि दाल में कुछ काला नहीं है, पूरी दाल ही काली है। देश की हर स्वतंत्र संस्था ‘मोडानी परिवार’ बनकर उनके भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगी है। चुनाव से पहले मोदी के ‘असली चेहरे’ को छिपाने का यह ‘अंतिम प्रयास’ है।”

मालूम हो कि एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि उसे राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए। बैंक ने अपने दलील में कहा कि डिकोडिंग प्रक्रिया और इसके लिए तय समयसीमा को लेकर कुछ व्यावहारिक कठिनाइयां हैं।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एसबीआई को आदेश दिया था कि वो 12 अप्रैल, 2019 से चुनावी बांड प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों और प्राप्त सभी विवरणों का विवरण 15 मार्च तक प्रस्तुत करे और 6 मार्च तक उसकी सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दे।

वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद एसबीआई ने समय बढ़ाने की मांग करते हुए अपनी याचिका में कहा है कि यह सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कड़े कदमों के कारण कि दानदाताओं की पहचान गुमनाम रखी गई है। इस कारण से चुनावी बांड की "डिकोडिंग" और दानकर्ता के दान का मिलान करना एक जटिल प्रक्रिया है।

बैंक की ओर से कहा गया है कि "प्रत्येक साइलो" से जानकारी प्राप्त करना और एक साइलो की जानकारी को दूसरे साइलो से मिलाने की प्रक्रिया लंबे समय की मांग कर रही है। इसलिए बैंक को कम से कम 30 जून तक का समय दिया जाए।

Web Title: "Narendra Modi has tried his best to hide 'donation business'", Rahul Gandhi says as SBI seeks more time to make electoral bond details public

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