किसान आंदोलन के खिलाफ मोदी सरकार ने रवैया किया सख्त, क्या हो रही है तैयारी, जानें पूरी अपडेट
By हरीश गुप्ता | Updated: February 5, 2021 11:39 IST2021-02-05T11:39:49+5:302021-02-05T11:39:49+5:30
दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन से निपटने के लिए सरकार लगातार सख्त कदम उठा रही है. अमित शाह ने भी गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की।

किसान आंदोलन पर सरकार सख्त (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने आंदोलनकारी किसानों के साथ देश-विदेश में मौजूद उनके समर्थकों के खिलाफ रवैया और सख्त कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में ट्वीट करने वाली 18 वर्षीय स्वीडिश पर्यावरणवादी ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
इसके अलावा आंदोलनकारियों से मिलने जा रहे दर्जनभर पार्टियों के सांसदों के समूह को गुरुवार रोक दिया गया. प्रदर्शन स्थलों पर बैरिकेडिंग को और अधिक मजबूत किया जा रहा है. इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को शामली गांव में महापंचायत को अनुमति देने से इंकार कर दिया है.
दिल्ली: केजरीवाल सरकार को झटका
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अरविंद केजरीवाल सरकार को किसानों के लिए वकीलों का पैनल नियुक्त करने की मंजूरी नहीं दी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला द्वारा इस विषय पर सभी स्थगन प्रस्ताव रद्द कर दिए जाने के कारण कोई चर्चा भी नहीं हो सकी.
राज्यसभा में भी कार्यवाही सामान्य रूप से ही जारी रही. सरकार ने सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ट्विटर के खिलाफ रूख को कड़ा कर लिया है. इस बीच एक उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, आईबी प्रमुख और दिल्ली पुलिस आयुक्त एस. एन. श्रीवास्तव से मुलाकात की.
चक्का जाम के दिन हंगामा रोकने के इंतजाम
गृहमंत्री चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस उन उपद्रवियों को तत्काल गिरफ्तार करे जिन पर ईनाम घोषित है. सरकार नहीं चाहती कि आंदोलनकारी किसानों का 6 फरवरी का चक्का जाम कोई अप्रिय मोड़ ले. सरकार ने राज्यसभा में विभिन्न राजनीतिक दलों की आंदोलनकारी किसानों को चर्चा के लिए बुलाने के सुझाव को भी खारिज कर दिया.
ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ एफआईआर के साथ सरकार ने यह भी कड़ा संदेश दे दिया कि किसी भी बाहरी तत्व को देश के आंतरिक मसलों में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस बीच भाजपा ने 6-7 फरवरी से बजट में किसानों के फायदे के लिए किए गए प्रावधानों के समर्थन में देशव्यापी अभियान चलाने की घोषणा की है.